Credit Card Data : नई दिल्ली। अगर आपके पास भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का क्रेडिट कार्ड है, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। साइबर अपराधियों ने एसबीआई क्रेडिट कार्ड धारकों का डाटा हासिल कर लिया है और अब वे फर्जी कॉल्स के जरिए ठगी का जाल बिछा रहे हैं। “क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़वाएं” या “आपका कार्ड बंद होने वाला है” जैसे बहानों से आने वाले फोन कॉल्स से सावधान रहें, वरना आपकी मेहनत की कमाई चंद मिनटों में लुट सकती है। साइबर सेल की जांच में डाटा लीक की पुष्टि हुई है, जिसके बाद हड़कंप मच गया है।
Credit Card Data : दो घंटे में 40 कॉल्स, 4 ठगे गए-
पिछले कुछ दिनों में साइबर सेल के पास एसबीआई क्रेडिट कार्ड धारकों से ठगी की शिकायतें बढ़ी हैं। एक मामले की जांच में साइबर सेल ने पाया कि एक शातिर ठग ने महज दो घंटे में 40 लोगों को फोन किया। कॉल डिटेल्स से खुलासा हुआ कि सात लोगों से लंबी बातचीत हुई, जिसमें चार ठगी के शिकार बन गए। बाकी तीन किसी तरह बच निकले। हैरानी की बात यह है कि सभी कॉल्स उन लोगों को की गईं, जिनके पास एसबीआई क्रेडिट कार्ड था। यह साफ करता है कि अपराधियों के पास ग्राहकों का पूरा डाटा मौजूद है।
Credit Card Data : डार्क वेब पर “क्रूड ऑयल” बन गया डाटा-
साइबर सेल के एसीपी आदित्य ने बताया कि साइबर अपराधियों के लिए डाटा किसी “क्रूड ऑयल” से कम नहीं। ज्यादातर बैंक अपने क्रेडिट और डेबिट कार्ड से जुड़े काम निजी कंपनियों को आउटसोर्स करते हैं। इन कंपनियों में काम करने वाले कुछ संविदाकर्मी निजी फायदे के लिए ग्राहकों का डाटा डार्क वेब पर बेच देते हैं। पहले यह डाटा 20 पैसे प्रति व्यक्ति के हिसाब से बिकता था, लेकिन अब इसकी कीमत बढ़कर 1 रुपये प्रति व्यक्ति हो गई है। डार्क वेब पर खरीददार की पहचान छिपी रहती है, जिससे यह धंधा और खतरनाक हो जाता है।
Credit Card Data : ठगी का पैसा कहां जाता है?
ठगी से मिली रकम को अपराधी तुरंत ठिकाने लगाने के लिए ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं। वे ई-कॉमर्स कंपनियों के कूपन खरीद लेते हैं, जिन्हें बाद में कैश में बदला जा सकता है। एक मामले में साइबर सेल ने कमला नगर के एक व्यापारी के 34 लाख रुपये वापस करवाए, जो ऑनलाइन शॉपिंग में खर्च कर दिए गए थे। यह पैसा उनके चालू खाते से निकाला गया था।
Credit Card Data : डार्क वेब: अपराध की काली दुनिया-
डार्क वेब इंटरनेट की वह छिपी दुनिया है, जहां सामान्य सर्च इंजन काम नहीं करते। इसे खास ब्राउजर से एक्सेस किया जाता है और यहां अवैध गतिविधियों का बोलबाला है। साइबर अपराधी डाटा से लेकर हैकिंग सॉफ्टवेयर और यहां तक कि हैकर्स तक यहीं से हायर करते हैं। यह डाटा लीक उसी काले बाजार का नतीजा है।
Credit Card Data : ऐसे करें अपनी सुरक्षा-
फोन पर सतर्कता: कोई भी खुद को बैंक या क्रेडिट कार्ड कंपनी का कर्मचारी बताए तो तुरंत फोन काट दें। सीधे बैंक से संपर्क करें।
संवेदनशील जानकारी न दें: कार्ड नंबर, ओटीपी, वैलिडिटी डेट जैसी जानकारी किसी के साथ शेयर न करें।
लिमिट ब्लॉक रखें: क्रेडिट कार्ड की लिमिट को ब्लॉक करके रखें और जरूरत पड़ने पर ही अनलॉक करें।
लोकेशन ऑफ करें: मोबाइल की लोकेशन डिसेबल रखें और हॉटस्पॉट अनजान लोगों से शेयर न करें।
शक हो तो रिपोर्ट करें: किसी भी संदिग्ध कॉल की जानकारी तुरंत साइबर सेल को दें।
Credit Card Data : साइबर सेल की चेतावनी-
साइबर सेल ने लोगों से अपील की है कि वे जागरूक रहें। ठग इतने शातिर होते हैं कि उनकी बातों में फंसना आसान है, लेकिन जब तक ठगी का पता चलता है, तब तक नुकसान हो चुका होता है। यह डाटा लीक न केवल एक बैंकिंग समस्या है, बल्कि डिजिटल युग में बढ़ते साइबर खतरे की बड़ी मिसाल भी है। सजगता ही आपकी सबसे बड़ी ढाल है!