दुर्ग। लोगों को नेत्रदान हेतु प्रेरित करने वाले नवदृष्टि फाउंडेशन के सक्रीय सदस्य जितेंद्रहासवानी ने अपने चाचा सुदामामल हासवानी के निधन के पश्चात उनके नेत्रदान कर अपना सामाजिक दायित्व निभाया। सुदामामल हासवानी के पुत्र विकास हासवानी, भाई घनश्याम दास, जय कुमार, सुरेश हासवानी ने नेत्रदान हेतु सहमति दी।
घनश्याम दास जी ने बताया किउनके भाई सुदामामल हासवानी ने अपनी पचासवीं वैवाहिक वर्षगांठ पर संत श्री डॉ युधिष्ठिर लाल जी के सानिध्य में नेत्रदान की घोषणा की थी और आज उनके निधन के बाद परिवार ने उनकी इच्छा का सम्मान करते हुए नेत्रदान कर अपना दायित्व पूर्ण किया।
गुरु जी संत डॉ युधिष्ठिर लाल जी हमें बार बार मानव सेवा का उपदेश देते हैं और नेत्रदान हेतु समाज को जागरूक करते हैं यह उसका ही परिणाम है कि सिंधी समाज में नेत्रदान हेतु जागरूकता बढ़ी है।
जितेंद्रहासवानी ने कहा हमारी संस्था नवदृष्टि फाउंडेशन लगातार लोगों को नेत्रदान,देहदान ,त्वचादान, रक्तदान हेतु जागरूक करती है और जब हम अपने परिवार के किसी सदस्य का नेत्रदान करते हैं तो समाज के लिए उदाहरण पेश करते हैं और हम अन्य लोगों को इस हेतु अधिकार पूर्वक प्रेरित कर सकते हैं।
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श्री सुदामामल हासवानी के पुत्र विकास हासवानी ने कहा आज उनके पिता इस दुनिया में नहीं हैं यह उनके परिवार के लिए बहुत बड़ा सदमा है किन्तु पापा ने जाते जाते दो परिवारों के जीवन को स्वर्ग बना दिया ईश्वर पापा को भी स्वर्ग में ही स्थान देगा हमारा परिवार व् समाज हमेशा पापा से प्रेरणा लेता रहेगा।
फाउंडेशन के सदस्य रितेश जैन ने कहा जितेंद्र हासवानी हमारी संस्था के सक्रीय सदस्य हैं और समय समय पर समाज के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी निभाते हैं और आज पिता के नेत्रदान कर उन्होंने साबित किया कि किसी कार्य में जब हम दूसरों को प्रेरित करते हैं तो शुरुवात अपने परिवार से करनी होगी और समाज को उन्होंने राह दिखाई।