robots will enter body to detect cancer: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स साइंस और इंसान को कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से बचाएंगे। बता दें कैंसर को डिटेक्ट करने के लिए कई तरह की स्क्रीनिंग और बायोप्सी की जाती है। कैंसर को डिटेक्ट
नई दिल्ली। robots will enter body to detect cancer: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स साइंस और इंसान को कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से बचाएंगे। बता दें कैंसर को डिटेक्ट करने के लिए कई तरह की स्क्रीनिंग और बायोप्सी की जाती है। कैंसर को डिटेक्ट करने की नई-नई तकनीक डेवलप की जा रही हैं।
robots will enter body to detect cancer: इसी बीच यूके के वैज्ञानिकों ने माइक्रो-रोबोट्स बनाने का दावा किया है, जो शरीर के अंदर जाकर कोलोरेक्टल कैंसर को डिटेक्ट कर सकते हैं। अभी तक कोलोरेक्टल कैंसर का पता लगाने के लिए बायोप्सी का सहारा लेना पड़ता है, लेकिन नई तकनीक रियल टाइम में 3D स्कैन करके कैंसर का पता लगा सकती है।
robots will enter body to detect cancer: मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक माइक्रो रोबोट्स की इस टेक्नोलॉजी को UK की तीन यूनिवर्सिटी ऑफ लीड्स, यूनिवर्सिटी ऑफ ग्लासगो और यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग ने मिलकर तैयार किया है। इन माइक्रो-रोबोट्स का उद्देश्य कोलोरेक्टल कैंसर का जल्दी और सटीक डायग्नोसिस करना है, जो मरीजों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
robots will enter body to detect cancer: ये माइक्रो-रोबोट्स मरीज के शरीर के अंदर घुसकर कैंसर का स्कैन कर सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार इससे बायोप्सी की जरूरत खत्म हो सकती है। बायोप्सी में सर्जरी के जरिए शरीर से टिश्यूज निकाले जाते हैं और कैंसर की जांच की जाती है। इस प्रक्रिया में काफी समय लगता था, लेकिन रोबोट्स रियल टाइम में ऐसा कर सकेंगे।
robots will enter body to detect cancer: कैसे काम करेगा माइक्रो रोबोट
यह नई स्टडी साइंस रोबोटिक्स में प्रकाशित की गई है. इसके मुताबिक पहली बार चुंबकीय रूप से नियंत्रित रोबोट का इस्तेमाल किया गया है, जो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट के अंदर हाई-रिजोल्यूशन अल्ट्रासाउंड पिक्चर बना सकता है। इसके लिए इस्तेमाल किए गए रोबोट का डायमीटर केवल 21 मिमी का होता है।
robots will enter body to detect cancer: इस माइक्रो रोबोट ने पहली बार आंत के अंदर गहराई से 3D अल्ट्रासाउंड पिक्चर लेने की क्षमता प्रदान की है। अब चिकित्सक बिना टिशू निकाले आंत के अंदर के टिशू का निरीक्षण कर सकते हैं और कोलोरेक्टल कैंसर का डायग्नोसिस कर सकते हैं। इससे वक्त रहते अब कोलोरेक्टल कैंसर का इलाज किया जा सकेगा।