नई दिल्ली। Robert Vadra reached ED office for investigation of money laundering related to Shikohpur land deal: प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को हरियाणा के शिकोहपुर की जमीन डील से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग
नई दिल्ली। Robert Vadra reached ED office for investigation of money laundering related to Shikohpur land deal: प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को हरियाणा के शिकोहपुर की जमीन डील से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में कारोबारी और कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा को पूछताछ के लिए तलब किया। इस मामले में पूछताछ के लिए उन्हें जारी किया गया यह दूसरा समन था। वाड्रा को पहले 8 अप्रैल को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। हालांकि, वह केंद्रीय जांच एजेंसी के ऑफिस नहीं पहुंचे थे।
Robert Vadra reached ED office for investigation of money laundering related to Shikohpur land deal: मंगलवार को रॉबर्ड वाड्रा ने ईडी ऑफिस पहुंचे हैं और इसे भारतीय जनता पार्टी का राजनीतिक प्रतिशोध बताया। रॉबर्ट वाड्रा ने कहा, हमने ईडी से कहा कि हम अपने डॉक्यूमेंट का इंतजाम कर रहे हैं, मैं हमेशा यहां रहने के लिए तैयार हूं। मुझे उम्मीद है कि आज कोई निष्कर्ष निकलेगा। मामले में कुछ भी नहीं है। जब मैं देश के पक्ष में बोलता हूं, तो मुझे रोक दिया जाता है, राहुल को संसद में बोलने से रोका जाता है। बीजेपी ऐसा कर रही है। यह एक राजनीतिक प्रतिशोध है।
Robert Vadra reached ED office for investigation of money laundering related to Shikohpur land deal: रॉबर्ट वाड्रा ने आगे कहा, ‘लोग मुझे प्यार करते हैं और चाहते हैं कि मैं राजनीति में शामिल हो जाऊं। जब मैं राजनीति में शामिल होने की इच्छा व्यक्त करता हूं, तो वे मुझे नीचे गिराने और वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए पुराने मुद्दे उठाते हैं। मामले में कुछ भी नहीं है। पिछले 20 वर्षों में मुझे 15 बार बुलाया गया और हर बार 10 घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की गई। 23000 दस्तावेजों को व्यवस्थित करना आसान नहीं है।
Robert Vadra reached ED office for investigation of money laundering related to Shikohpur land deal: क्या है पूरा मामला
रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटेलिटी प्राइवेट लिमिटेड ने फरवरी 2008 में गुड़गांव के शिकोहपुर में 3.5 एकड़ जमीन 7.5 करोड़ रुपये में ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से खरीदी थी। कंपनी ने कमर्शियल लाइसेंस हासिल करने के बाद में उस प्रॉपर्टी को रियल एस्टेट कंपनी DLF को 58 करोड़ रुपये में बेच दिया था। ऐसा आरोप है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री हुड्डा के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार से कम दाम पर मिली इस जमीन को डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड को बेचकर रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी ने प्रॉफिट हासिल किया।