बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए प्राचार्य पदोन्नति आदेशों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। अदालत ने इसे अपनी अवमानना मानते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 7 मई को होगी। दरअसल, पिछली सुनवाई में राज्य सरकार ने अदालत को भरोसा दिलाया था कि कोर्ट के अंतिम फैसले तक कोई प्रमोशन सूची जारी नहीं की जाएगी। बावजूद इसके, बुधवार को शिक्षा विभाग ने ई संवर्ग के 1524 और टी संवर्ग के 1401 शिक्षकों सहित कुल 2925 शिक्षकों की पदोन्नति सूची जारी कर दी।
गुरुवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने हाईकोर्ट को बताया कि राज्य शासन ने अपनी ही अंडरटेकिंग का उल्लंघन किया है। इस पर नाराज अदालत ने प्रमोशन आदेश पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 7 मई को होगी। प्राचार्य पदोन्नति को लेकर कई लेक्चरर और शिक्षक संगठनों ने अलग-अलग याचिकाएं दायर की थीं, जिन पर अलग-अलग सुनवाई चल रही थी। पिछली सुनवाई में अतिरिक्त महाधिवक्ता ने अदालत को बताया था कि सभी याचिकाओं का विषय एक जैसा है। इसके बाद चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस अरविंद वर्मा की डिवीजन बेंच ने सभी याचिकाओं को एक साथ क्लब कर सुनवाई करने का निर्देश दिया।
प्राचार्य पदोन्नति को लेकर अखिलेश त्रिपाठी, प्राचार्य पदोन्नति फोरम व अन्य शिक्षक संगठनों ने हस्तक्षेप याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया है कि पदोन्नति में भर्ती एवं पदोन्नति नियम 2019 का उल्लंघन किया गया है। अतिरिक्त महाधिवक्ता ने डिवीजन बेंच को यह भी जानकारी दी कि भर्ती पदोन्नति नियम 2019 को लेकर हाईकोर्ट की अन्य बेंच में भी याचिका लंबित है।