
ICC Champions Trophy 2025: पाकिस्तान को लगभग तीन दशक बाद एक आईसीसी टूर्नामेंट की मेजबानी मिली है, जहां वह 2025 चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन कर रहा है. यह टूर्नामेंट 9 मार्च को समाप्त होगा, लेकिन पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) इस बड़े आयोजन के कुछ अहम मुकाबलों की मेजबानी से वंचित रह गया है. खासकर, पहले सेमीफाइनल और फाइनल के आयोजन स्थल को लेकर बड़ा बदलाव हुआ है. भारत अपने सभी मैच दुबई में खेलेगा, और अगर टीम इंडिया फाइनल तक पहुंचती है, तो खिताबी मुकाबला भी दुबई में ही आयोजित किया जाएगा.
बीसीसीआई (BCCI) के बढ़ते प्रभाव के बीच पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इंजमाम-उल-हक ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड के खिलाफ अन्य क्रिकेट बोर्डों से एकजुट होने की अपील की है. उन्होंने खासतौर पर आईपीएल (IPL) को निशाने पर लिया और कहा कि यदि भारतीय खिलाड़ी अन्य देशों की लीग में नहीं खेलते, तो अन्य बोर्डों को भी आईपीएल में अपने खिलाड़ियों को भेजने से रोकना चाहिए.
इंजमाम ने क्यों दी BCCI के खिलाफ एकजुटता की अपील?
पाकिस्तानी टीवी चैनल पर बातचीत के दौरान इंजमाम ने कहा, “चैंपियंस ट्रॉफी को एक तरफ रख दें. आईपीएल में दुनिया के टॉप खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं, लेकिन भारतीय खिलाड़ी किसी अन्य लीग में नहीं खेलते. अन्य क्रिकेट बोर्डों को भी अपने खिलाड़ियों को आईपीएल में भेजने से मना कर देना चाहिए. यदि आप (BCCI) अपने खिलाड़ियों को अन्य लीग में नहीं खेलने देते, तो बाकी बोर्डों को भी स्टैंड लेना चाहिए”
गौरतलब है कि बीसीसीआई अपने खिलाड़ियों को विदेशी टी20 लीग में भाग लेने की अनुमति नहीं देता है. भारतीय क्रिकेटरों को इंग्लैंड के काउंटी क्रिकेट और लिस्ट ए क्रिकेट में खेलने की इजाजत होती है, लेकिन वे विदेशी टी20 लीग में तभी खेल सकते हैं, जब वे भारतीय क्रिकेट से संन्यास ले लें.
आईपीएल पर विदेशी खिलाड़ियों की निर्भरता
आईपीएल दुनिया की सबसे लोकप्रिय और सबसे अमीर टी20 लीग है, जहां हर साल दुनिया भर के दिग्गज क्रिकेटर हिस्सा लेते हैं. हालांकि, पाकिस्तान के खिलाड़ियों को सिर्फ 2008 में इस लीग में खेलने का मौका मिला था। 2009 में वे नीलामी का हिस्सा तो बने, लेकिन किसी भी फ्रेंचाइजी ने उन्हें नहीं खरीदा. बाद में, पूर्व पाकिस्तानी ऑलराउंडर अजहर महमूद को ब्रिटिश नागरिकता लेने के बाद आईपीएल में खेलने का मौका मिला था. दिलचस्प बात यह है कि कई विदेशी खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से ज्यादा तवज्जो आईपीएल को देते हैं. 2019 वर्ल्ड कप से पहले भी कुछ विदेशी खिलाड़ियों ने अपनी राष्ट्रीय टीम के मैचों से पहले आईपीएल को प्राथमिकता दी थी.
भारत के क्रिकेट प्रभुत्व से नाराज पाकिस्तान
बीसीसीआई का क्रिकेट जगत में दबदबा लगातार बढ़ता जा रहा है. आर्थिक रूप से सबसे मजबूत बोर्ड होने के कारण उसके पास बड़े फैसले लेने की शक्ति है. पाकिस्तान लंबे समय से इस प्रभुत्व के खिलाफ आवाज उठाता रहा है. चैंपियंस ट्रॉफी के आयोजन को लेकर भी पाकिस्तान नाखुश है क्योंकि भारत अपने मैच पाकिस्तान में नहीं खेल रहा है और PCB के बजाय दुबई में अपने सभी मुकाबले खेल रहा है.
इंजमाम-उल-हक का यह बयान इस बढ़ते प्रभाव के खिलाफ एक और विरोध स्वरूप देखा जा रहा है. हालांकि, मौजूदा समय में आईपीएल की लोकप्रियता इतनी अधिक है कि अन्य बोर्ड अपने खिलाड़ियों को इसमें खेलने से रोकने का जोखिम शायद ही उठाएं. ऐसे में इंजमाम की यह अपील कितना असर डालती है, यह देखना दिलचस्प होगा.