WAVES Summit 2025: मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई में आयोजित विश्व रचनात्मकता सम्मेलन (WAVES समिट 2025) का उद्घाटन किया। इस समिट में भारत और विश्व के ख्यातिप्राप्त कलाकार, फिल्म निर्माता, संगीतकार और रचनात्मक क्षेत्र की प्रमुख हस्तियां एक मंच पर एकत्र हुईं। उद्घाटन समारोह में पीएम मोदी का प्रेरणादायी संबोधन बॉलीवुड सितारों और दर्शकों के लिए अविस्मरणीय रहा।
WAVES Summit 2025: भारतीय सिनेमा की ऐतिहासिक यात्रा
अपने भाषण में पीएम मोदी ने भारतीय सिनेमा की गौरवशाली विरासत को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि 3 मई 1913 को दादा साहेब फाल्के की पहली फीचर फिल्म ‘राजा हरिश्चंद्र’ ने भारतीय सिनेमा की नींव रखी थी। इस विरासत के दम पर आज भारतीय फिल्में वैश्विक मंचों, जैसे ऑस्कर, पर अपनी पहचान बना रही हैं। पीएम ने ‘आरआरआर’ की वैश्विक उपलब्धियों और ए.आर. रहमान की संगीतमय रचनाओं का उल्लेख करते हुए कहा, “भारतीय रचनात्मकता आज विश्व भर में लोगों के दिलों को जीत रही है। हमारा सपना है कि भारतीय सिनेमा हर दिल तक पहुंचे। विकसित भारत का यह सफर अब तेजी से आगे बढ़ रहा है।”
WAVES Summit 2025: कला: भावनाओं का अनंत संसार
प्रधानमंत्री ने कला को केवल अभिव्यक्ति का साधन नहीं, बल्कि भावनाओं का एक विशाल विश्व बताया। उन्होंने कालिदास की अमर रचना ‘अभिज्ञान शाकुंतलम’ का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय साहित्य और कला ने हमेशा विश्व को प्रेरित किया है। पीएम ने WAVES समिट को रचनात्मकता, नवाचार और वैश्विक सहयोग का एक अनूठा मंच बताया, जो संस्कृति, सिनेमा, संगीत और गेमिंग जैसे क्षेत्रों को एकजुट करता है।
WAVES Summit 2025: वैश्विक मंच पर भारत की रचनात्मकता
समिट में बॉलीवुड के दिग्गज जैसे शाहरुख खान, ए.आर. रहमान, श्रेया घोषाल और एस.एस. राजामौली के साथ कई अंतरराष्ट्रीय हस्तियां भी शामिल हुईं। पीएम मोदी ने कहा, “यह समिट केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि एक ऐसी लहर है जो रचनात्मक उद्योग को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी। यहां 100 से अधिक देशों के कलाकार, निवेशक और नीति निर्माता एकत्र हुए हैं।” उन्होंने इस आयोजन को भारत की रचनात्मक शक्ति को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
WAVES Summit 2025: WAVES समिट 2025: सांस्कृतिक विरासत और वैश्विक सहयोग का मंच
WAVES समिट 2025 न केवल भारत की सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करने का मंच है, बल्कि वैश्विक रचनात्मक सहयोग को बढ़ावा देने का भी एक अनमोल अवसर है। यह आयोजन भारतीय सिनेमा और कला को नई दिशा प्रदान करने का वादा करता है।