सुप्रीम कोर्ट ने लोकपाल के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें लोकपाल ने हाई कोर्ट के जजों के खिलाफ शिकायतों की जांच करने का अधिकार होने का दावा किया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार, लोकपाल के रजिस्ट्रार और लोकपाल के समक्ष शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने कहा कि यह मुद्दा न्यायपालिका की स्वतंत्रता से जुड़ा है और बेहद महत्वपूर्ण है।
लोकपाल के आदेश पर सवाल
लोकपाल ने हाल ही में एक आदेश जारी कर कहा था कि उसके पास हाई कोर्ट के जजों के खिलाफ शिकायतों की जांच करने का अधिकार क्षेत्र है। इस फैसले ने विवाद को जन्म दिया था, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में लोकपाल के इस दावे पर रोक लगा दी और इसकी वैधानिकता पर विचार करने का फैसला किया।
न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर जोर
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने जोर देकर कहा, “यह मामला न्यायपालिका की स्वतंत्रता से संबंधित है और इसका बहुत महत्व है।” कोर्ट का मानना है कि लोकपाल का यह कदम हाई कोर्ट जजों की स्वायत्तता और संवैधानिक स्थिति पर सवाल उठा सकता है। इसलिए, इसकी गहन जांच जरूरी है।
केंद्र और लोकपाल से जवाब मांगा
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, लोकपाल के रजिस्ट्रार और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर इस मामले में जवाब मांगा है। कोर्ट ने सभी पक्षों से स्थिति स्पष्ट करने को कहा ताकि यह तय हो सके कि लोकपाल के अधिकार क्षेत्र में हाई कोर्ट जजों की जांच शामिल है या नहीं।