Donald Trump : वॉशिंगटन/नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब केवल एक राजनेता नहीं, बल्कि वैश्विक शांति स्थापना के प्रतीक बनते जा रहे हैं। हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम (सीजफायर) की घोषणा के बाद ट्रंप एक बार फिर मध्यस्थता के केंद्र में हैं। 7 मई से जारी तनाव के बाद दोनों देशों ने 11 मई को संघर्षविराम का ऐलान किया, लेकिन उससे पहले ही राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रूथ’ पर इसकी जानकारी साझा कर दी थी।
Donald Trump : राष्ट्रपति ट्रंप अब तक केवल भारत-पाक के बीच ही नहीं, बल्कि रूस-यूक्रेन, ईरान-इजरायल, इजरायल-हमास और अमेरिका-हुती विद्रोहियों के बीच भी टकराव को रोकने में सफल रहे हैं। इन पांचों संघर्षों में ट्रंप की सक्रिय भूमिका ने उन्हें “ग्लोबल पीसमेकर” बना दिया है।
Donald Trump :
1. भारत-पाकिस्तान, चार दिन की जंग के बाद सीजफायर
7 मई से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था। आतंकवादी हमले और जवाबी सैन्य कार्रवाइयों के बीच दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात बन गए थे। बॉर्डर से लगे कई इलाकों में तोपों और ड्रोन से हमले हुए। लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की पहल पर 11 मई को संघर्षविराम का ऐलान किया गया।
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2. रूस-यूक्रेन, युद्ध विराम की दिशा में अहम भूमिका
दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर गंभीरता दिखाई। व्हाइट हाउस में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की और अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के बीच तीखी बहस के बाद जेलेंस्की ने अमेरिका के साथ समझौता कर लिया। इसके बाद कई संघर्ष विराम समझौते लागू किए गए।
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3. इजरायल-हमास, बंदी रिहाई और हमला रोकने में सफलता
ट्रंप के फार्मूले ने इजरायल और हमास के बीच की खाई को कम किया। इजरायल ने फिलिस्तीन पर हमले रोकने का फैसला लिया और हमास ने कई इजरायली बंधकों को रिहा किया। यह एक बड़ी कूटनीतिक सफलता मानी गई।
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4. ईरान-इजरायल, अप्रैल में युद्ध टला
2025 के अप्रैल महीने में ईरान और इजरायल फिर से युद्ध के मुहाने पर पहुंच गए थे। ट्रंप ने त्वरित पहल कर दोनों देशों को टकराव से रोका। इस मामले में अमेरिका की मध्यस्थता निर्णायक साबित हुई।
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5. अमेरिका और हुती विद्रोही, हवाई हमले रोके गए
ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में यमन के हुती विद्रोहियों पर हमले रोकने की घोषणा की। ट्रंप ने कहा कि हुती समूह अब युद्ध नहीं चाहता और अमेरिका भी हमले नहीं करेगा। यह कदम मानवीय संकट को टालने की दिशा में अहम माना जा रहा है।