सरकारी कंपनी ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) ने अंडमान सागर क्षेत्र में अपने पहले तेल कुएं की खुदाई की है। अधिकारियों ने बताया कि सरकारी कंपनी तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) ने भी इस इलाके में तेल कुओं की खुदाई करने के अभियान शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि ओआईएल की योजना दो और तेल कुओं की खुदाई करने की ओर है। हालांकि ओएनजीसी ने व्यापक रूप से अछूते गहरे समुद्र में तेल कुओं की खुदाई को अपना लक्ष्य बनाया है।
ओआईएल ने तीन दशक के अंतराल के बाद अक्टूबर 2020 में अंडमान के अपतटीय खनन क्षेत्रों के भूगर्भीय सर्वेक्षण फिर शुरू किया था। इस कंपनी को खुले क्षेत्र की लाइसेंस नीति के तीसरे दौर में अक्टूबर 2019 में कम गहरे पानी के दो ब्लॉक एएन-ओएसएचपी-2018/1 और एएन-ओएसएचपी-2018/2 आवंटित किए गए थे और इन दो ब्लॉक का क्षेत्रफल 9,616.7 वर्ग किलोमीटर है।
ओआईएल ने बीते साल नॉर्वे के ठेकेदार डॉल्फिन ड्रिलिंग द्वारा संचालित रिग की सेवाएं ली थीं। डॉल्फिन ड्रिलिंग के पास अपतटीय खनन और गैस खनन की विशेषता है। इसकी ‘एंकर मूर्ड सेमी-सबमर्सिबल ड्रिलिंग यूनिट’ अक्टूबर, 2024 में अंडमान द्वीप में पहुंची थी। इस बारे में स्थानीय मीडिया ने जानकारी दी थी कि यह ठेका 15.4 करोड़ डॉलर का है और इसकी अवधि करीब 14 महीने है।
हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय के अनुसार बंगाल की खाड़ी के दक्षिण पश्चिम हिस्से में स्थित अंडमान निकोबार बेसिन में गहरे समुद्र समुद्र सहित 47,000 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र आता है। केंद्र सरकार को इस बेसिन में प्राकृतिक गैस और कच्चे तेल का महत्त्वपूर्ण प्राकृतिक भंडार होने का अनुमान है। रक्षा और अंतरिक्ष एजेंसियों ने इस क्षेत्र में तेल अन्वेषण व उत्पादन की गतिविधियों पर लंबे समय से प्रतिबंध लगा रखा था और इस प्रतिबंध को 2022 में हटाया गया था। यह बेसिन आइलैंड आर्क सिस्टम का हिस्सा है। आइलैंड आर्क सिस्टम उत्तर में म्यामांर से लेकर दक्षिण में इंडोनेशिया तक है।
फिर गहरे समुद्र में खुदाई
सरकारी कंपनी ओएनजीसी फिलहाल प्रतिदिन 12.6 लाख बैरल ऑयल इक्विवैलेंट का उत्पादन कर करती है। यह उत्पादन भारत के घरेलू तेल उत्पादन का करीब 71 फीसदी है। ओएनजीसी ने अंडमान के गहरे समुद्री इलाके में ड्रिलिंग की शुरुआत कर दी है। ओएनजीसी ने गुरुवार को एक्स पर जानकारी दी, ‘कावेरी की गहराई में सफलतापूर्वक दो गहरे कुओं की खुदाई की बाद रिग डीडीकेजी-1 ने अंडमान के अपतटीय क्षेत्र में फिर गहरे कुओं की खुदाई शुरू की।’
अभी तक भारत में तेल के गहरे कुएं खोदने में ओएनजीसी का दबदबा है और इसने 2004 के बाद गहरे समुद्र में सैकड़ों कुओं की खुदाई की है। इससे पिछले प्रयास में कंपनी ने 2013-14 में अंडमान निकोबार द्वीप समूह में छह कुओं की खुदाई की थी लेकिन उसे वाणिज्यिक सफलता नहीं मिली थी। फिलहाल भारत के 33.6 लाख वर्ग किलोमीटर की सेडिमेंटरी बेसिन के करीब 10 फीसदी क्षेत्र में खनन हो रहा है। सरकार की योजना इस क्षेत्र को 2024 के अंत तक बढ़ाकर 16 फीसदी करना है।