बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक दुष्कर्म मामले में कहा कि कानूनी विवाह के बाद यौन संबंध पर दी गई सहमति को झूठे वादे का हिस्सा नहीं माना जा सकता. कोर्ट ने माना कि धार्मिक रीति-रिवाजों की अनुपस्थिति के बावजूद विवाह वैध था. इसी आधार पर एफआईआर और चार्जशीट दोनों को रद्द कर दिया गया.
कानूनी विवाह के बाद सहमति से S*X वैध! धार्मिक रस्म जरूरी नहीं, बॉम्बे हाईकोर्ट ने खारिज किया रेप केस

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