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पुणे, महाराष्ट्र: शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम के तहत, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को शिक्षा की धारा में लाने के लिए निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित हैं.इसके लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है और आरटीई के तहत प्रवेश पाने के लिए अभिभावकों द्वारा गलत जानकारी दी गई है. इस तरह की घटना सामने आने पर ऐसे 18 अभिभावकों के खिलाफ पुणे में मामला दर्ज किया गया है.
अभिभावकों ने अपने बच्चे के प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भरें है. इसके तहत लॉटरी पद्धति से तीन राउंड में उनकी जांच की जाती है और प्रवेश दिया जाता है. इसके लिए सरकार द्वारा तय मापदंड के अनुसार पात्र छात्रों को ही आरक्षण के तहत प्रवेश दिए जाते है.लेकिन गलत जानकारी भरने की घटना जनवरी 2024 और अक्टूबर 2024 के बीच मातलवाड़ी भूगांव में सामने आई है. इस न्यूज़ को saamtv ने प्रकाशित किया है.ये भी पढ़े:Maharashtra RTE Admission Lottery 2025: महाराष्ट्र के स्कूलों में आरटीई एडमिशन के लिए आज घोषित होंगे रिजल्ट, student.maharashtra.gov.in पर ऐसे चेक करें नाम
अभिभावकों ने दिया झूठा निवासी सर्टिफिकेट
इस घटना में माता-पिता ने अपने बच्चों को आरटीई में प्रवेश दिलाने के लिए निवास का झूठा प्रमाण पत्र देने की जानकारी सामने आई है. इसका खुलासा शिक्षा विभाग की जांच में हुआ. इसके बाद शिक्षा विभाग की ओर से गलत जानकारी देने के मामले में संबंधित अभिभावकों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है. बावधन पुलिस जांच कर रही है.
पेरेंट्स पर मामला दर्ज
इस घटना के बाद पुलिस ने करीब 18 पेरेंट्स पर मामला दर्ज कर लिया है. बता दें की जिनकी आर्थिक हालत ठीक नहीं होती और जिनकी इनकम कम होती है, ऐसे बच्चों को आरटीई के तहत अच्छी स्कूलों में एडमिशन दिया जाता है. लेकिन कुछ पेरेंट्स बच्चों के एडमिशन के लिए गलत चीजें भी करते है.