
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)
बालासोर, 24 अप्रैल : जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में मारे गए प्रशांत सत्पथी की चिता को उनके नौ वर्षीय बेटे तनुज कुमार सत्पथी ने बृहस्पतिवार को मुखाग्नि दी. ओडिशा के बालासोर जिले में स्थित प्रशांत के गांव में उनका अंतिम संस्कार किया गया. मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, परिवहन मंत्री बिभूति भूषण जेना और बालासोर के सांसद प्रताप चंद्र सारंगी समेत सैकड़ों लोग शव यात्रा के दौरान तनुज के साथ उनके घर से लगभग एक किलोमीटर दूर रेमुना ब्लॉक के इशानी गांव में स्थित श्मशान भूमि तक गए. माझी ने सुबह प्रशांत के परिजन से मुलाकात की और उनके घर पर करीब एक घंटा बिताया. उन्होंने प्रशांत की पत्नी प्रिया दर्शिनी और बुजुर्ग मां को सांत्वना दी.
उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘मैं इस घटना की कड़ी निंदा करता हूं और राज्य सरकार संकट की इस घड़ी में प्रशांत सत्पथी के परिवार के साथ मजबूती से खड़ी है. राज्य सरकार उनके परिवार को 20 लाख रुपये की वित्तीय सहायता राशि प्रदान करेगी, उनकी पत्नी को नौकरी और उनके बेटे की शिक्षा का खर्च उठाएगी.’’ प्रशांत के रिश्तेदारों के लिए शव को अंतिम संस्कार के लिए श्मशान ले जाना मुश्किल था क्योंकि प्रिया दर्शिनी किसी को भी शव को छूने नहीं दे रही थीं. वह थोड़ी-थोड़ी देर में में शव से लिपट जाती थीं. यह भी पढ़ें : पहलगाम हमला खुफिया तंत्र की विफलता, अनुच्छेद 370 हटाने से नहीं रुकी हिंसा: शिवसेना (उबाठा)
मुख्यमंत्री ने प्रिया दर्शनी की तबीयत को लेकर भी चिंता व्यक्त की, जो उनसे बातचीत के दौरान बेहोश हो गई थीं. प्रशांत (41) ‘सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी’ के कर्मचारी थे. वे अपनी पत्नी और बेटे के साथ छुट्टियों में जम्मू कश्मीर के पहलगाम गए थे. श्मशान की तरफ जाने वाली सड़क के दोनों ओर मौजूद लोग अंतिम संस्कार के दौरान तनुज को देखकर रो पड़े. नौ साल का तनुज स्थिति को समझ नहीं पा रहा था और वह बस अपने बड़ों के दिए गए निर्देशों का पालन कर रहा था. श्मशान में ‘जय हिंद’ और ‘प्रशांत सत्पथी अमर रहे’ के नारों के बीच तनुज ने अपने पिता की चिता को मुखाग्नि दी.