
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं. इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई है. हमले की ज़िम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन ‘द रेज़िस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली है. यह हमला उस समय हुआ जब पर्यटक बईसारन घाटी में घूमने आए थे. आतंकियों ने धर्म के आधार पर लोगों को निशाना बनाया और धार्मिक आयतें पढ़ने को मजबूर करने के बाद गोलीबारी शुरू कर दी थी.
पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज की वेबसाइट बंद
भारत द्वारा किए गए जवाबी कदमों के कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज (PSX) की आधिकारिक वेबसाइट अचानक बंद हो गई. साइट पर आने वाले यूज़र्स को एक संदेश दिखाई दिया जिसमें यह लिखा था, की ‘हम जल्द ही वापस आएंगे, पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज वेबसाइट रखरखाव में है, अगली सूचना तक यह बंद रहेगी.’
इस तकनीकी गड़बड़ी के बीच बुधवार को पाकिस्तान के शेयर बाजार में भी तेज़ गिरावट दर्ज की गई. बाजार 1,300 से अधिक अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ. यह कुल मिलाकर 1.10 प्रतिशत की गिरावट थी, और सूचकांक (Index) 1.17 लाख अंकों पर आकर ठहर गया. यह घटनाक्रम ऐसे समय पर सामने आया है, जब भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कूटनीतिक और रणनीतिक कार्रवाई की है.
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने कई सख्त और निर्णायक कदम उठाए हैं-
सिंधु जल संधि पर रोक
भारत ने 1960 में हुई सिंधु जल संधि को फिलहाल स्थगित कर दिया है. यह एक बड़ा कूटनीतिक संदेश है, कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को नहीं रोकता, तब तक भारत नरमी नहीं बरतेगा.
अटारी-वाघा बॉर्डर बंद
भारत-पाकिस्तान के बीच अटारी-वाघा सीमा को बंद करने का फैसला लिया गया है. भारत में रह रहे पाकिस्तानियों को 1 मई 2025 तक वापस लौटने का आदेश दिया गया है, अगर उनके पास वैध दस्तावेज हैं.
वीज़ा नियमों में सख्ती
पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सार्क (SAARC) वीज़ा छूट योजना को निलंबित कर दिया गया है, और पहले से जारी वीज़ा रद्द कर दिए गए हैं. इस योजना के तहत भारत में रह रहे पाकिस्तानियों को 48 घंटे के अंदर देश छोड़ने का निर्देश दिया गया है.
डिप्लोमेट संबंधों में कटौती
पाकिस्तानी सेना, नौसेना और वायुसेना के सलाहकारों को ‘अवांछनीय व्यक्ति’ (Persona Non Grata) घोषित कर एक हफ्ते में भारत छोड़ने को कहा गया है. साथ ही, भारत भी अपने उच्चायुक्तों (High Commissioners) को इस्लामाबाद से वापस बुला रहा है. दोनों देशों के उच्चायोगों में कर्मचारियों की संख्या घटाकर 55 से 30 कर दी गयी है.