हाल ही में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने कहा कि मोटर वाहन दुर्घटना दावे के लिए मुआवज़े की गणना करते समय गृहिणी की सेवा का मूल्य अकुशल कर्मचारी की आय के न्यूनतम स्तर के रूप में नहीं लिया जा सकता है. हाई कोर्ट ने आगे इस बात पर प्रकाश डाला कि एक गृहिणी अपने घर का पालन-पोषण करते हुए और अपने पति और बच्चों की देखभाल करते हुए "कई कर्तव्य" निभाती है…
‘गृहिणी का योगदान अमूल्य है, उनकी सेवा को अकुशल श्रमिक की न्यूनतम आय के रूप में नहीं लिया जा सकता’- पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट

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