
पुणे, 18 अप्रैल : महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने राज्य भर के मराठी और अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों में पहली और पांचवीं कक्षा तक के छात्रों के लिए हिंदी को अनिवार्य तीसरी बनाने का विरोध करने पर राजनीतिक दलों की आलोचना की है. यह भी पढ़ें : भगवद् गीता, नाट्यशास्त्र की पांडुलिपियां यूनेस्को के ‘विश्व स्मृति रजिस्टर’ में अंकित
पवार ने कहा कि जो लोग इस फैसले का विरोध कर रहे हैं, वे ‘‘वास्तविक मुद्दे न होने के कारण अनावश्यक विवाद’’ खड़ा कर रहे हैं. पवार ने शुक्रवार को पिंपरी चिंचवड में चापेकर बंधुओं को समर्पित एक राष्ट्रीय स्मारक के उद्घाटन के मौके पर कहा, ‘‘मराठी हमारी मातृ है और राज्य में हमेशा इसे पहली प्राथमिकता दी जाएगी.’’