संयुक्त टीम
बना कर तत्काल विवाह रोकने का निर्देश प्राप्त हुआ। जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल के नेतृत्व में संयुक्त टीम 11 बजे मौके पर पहुंची। पंचायत चुनाव के कारण पुलिस बल भी ज्यादा नहीं मिला, घर के दरवाजे पर बारात लग गई थी और डीजे में बाराती नाच रहे थे। घर में मेहमानो की भीड लगी हुई थी। घर पर टीम के पहुचने पर घराती और बाराती सभी आंगन मे इकट्ठे हो गये थे। बडी बहन को टीम के सामने प्रस्तुत किया गया। शैक्षणिक दस्तावेज मांगने पर बताया गया कि बालिका नही पढी है। फिर बताया गया कि सभी दस्तावेज को दीमक चट कर गया है। रात्रि में बीईओ भैयाथान से बात कर प्राथमिक शाला के शिक्षक को स्कूल खुलवा कर दस्तावेज मांगने पर पता चला कि दोनो लडकीयाँ उसी स्कूल में पढी है एक 16 वर्ष की है तो दूसरी 15 वर्ष भी नही है छोटी लडकी को बुलाने को बोलने पर बताये की वह घर पर नही है टीम द्वारा समझाईस देने पर लडकी को प्रस्तुत किया गया।
रामानुजनगर
थाना अंतर्गत एवं ओडगी विकासखण्ड के एक गाम में नाबालिक का विवाह होने जा रहा है। जिला कार्यक्रम अधिकारी के निर्देश पर दोनो जगह संयुक्त टीम रवाना हुई। रामानुजनगर गई टीम ने गांव मे जाकर समझाइश दी और बाल विवाह रोकवाया, वहीं दुरस्त ओडगी के ग्राम में भी एक 17 वर्षीय लडकी का बाल विवाह समझाईस देकर रोका गया। बाल विवाह रोकवाने वालो में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल, परियोजना अधिकारी जागेश्वर साहू, संरपंच सरईपारा विजय सिंह, जिला बाल संरक्षण ईकाई से अखिलेश सिंह प्रियंका सिंह, जैनेन्द्र दुबे, अंजनी साहू, सखी वन स्टॉप सेन्टर से साबरीन फातिमा, चाईल्ड लाईन से कार्तिक मजूमदार, कुमारी शीतल सिंह, प्रकाश राजवाडे, दिनेश यादव, रमेश साहू, पवन धीवर, पर्यवेक्षक भैयाथान तन्द्रा चौधरी, पर्यवेक्षक रामानुजनगर भारती पटेल, मांनकुवर, देवकली ओडगी पर्यवेक्षक ज्योति, अन्नु ठाकुर, सत्यवती थाना प्रभारी ओडगी फर्दीनन्द कुजुर, प्रधान आरक्षक दीपक सिंह आ.रक्षक अमरेन्द्र दुबे महिला आरक्षक जान कुंवर सिंह, आरक्षक कौशलन्द्र सिंह, रोहित राजवाडे, आ0बा0 कार्यकर्ता एवं ग्रामीण उपस्थित थे।