पूरे जम्मू में बाढ़ जैसे हालात हैं, बचाव कार्य जारी है और मौसम विभाग ने रेड अलर्ट घोषित किया है (Photo : X)
नई दिल्ली, 27 अगस्त : भारतीय सेना (Indian Army) की व्हाइट नाइट कोर ने कटरा में वैष्णो देवी मंदिर (Vaishno Devi Temple) के पास हुए भूस्खलन के बाद राहत और बचाव कार्यों में सहायता के लिए कदम बढ़ाया है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में, व्हाइट नाइट कॉर्प्स ने राहत कार्यों पर अपडेट के बारे में बताया. उन्होंने कहा, “राहत अभियान पर अपडेट: कटरा के अर्धकुंवारी में व्हाइटनाइट कोर की राहत टुकड़ी, श्राइन बोर्ड, जेकेपी और सीआरपीएफ (CRPF) के बचाव दलों के साथ मिलकर भूस्खलन पीड़ितों की सहायता कर रही है. मानवीय सहायता को अधिकतम करने के लिए सभी एजेंसियों के साथ गहन समन्वय किया जा रहा है. हम सेवा करते हैं, हम रक्षा करते हैं!”
लगातार बारिश के कारण हुए भूस्खलन में पांच लोगों की मौत हो गई है और चार अन्य घायल हो गए हैं. यह घटना मंगलवार को किशनपुर-डोमेल रोड पर गरनई लोटा इलाके के पास हुई, जहां राजस्थान के धौलपुर जिले के संपू कस्बे के पांच तीर्थयात्री मलबे में फंस गए. पुलिस अधिकारियों के अनुसार, तीन युवक पानी की तेज धाराओं में बह गए, जबकि दो तैरकर और एक पेड़ से चिपककर बच गए. भारी बारिश ने पूरे जम्मू-कश्मीर में भी तबाही मचाई है. कश्मीर घाटी में, मौसम की स्थिति के कारण कई सेवा प्रदाताओं द्वारा मोबाइल फोन और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दिए जाने से सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया. अचानक व्यवधान के कारण कई निवासी आवश्यक कम्युनिकेशन माध्यमों से कट गए. यह भी पढ़ें : Virar Building Collapse: महाराष्ट्र के विरार में बड़ा हादसा, रमाबाई अपार्टमेंट का एक हिस्सा ढहने से 2 की मौत, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
जम्मू संभाग में भी स्थिति उतनी ही गंभीर थी. सभी प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही थीं, जिससे निचले इलाकों में पानी भर गया और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा. जम्मू-पठानकोट राजमार्ग पर एक पुल उफनती नदी के दबाव में ढह गया, जिससे राजमार्ग को बंद करना पड़ा. इस बीच, जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पत्थरों के गिरने से अवरुद्ध हो गया है, जिससे परिवहन संबंधी समस्याएं और बढ़ गई हैं. समन्वित राहत कार्य जारी रहने के साथ, सेना, स्थानीय प्रशासन, श्राइन बोर्ड और अर्धसैनिक बल प्रभावित लोगों को बचाने और फंसे हुए तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोगों को आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं.

