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हावड़ा में कक्षा 12 का एक छात्र कानों में बाली पहनकर स्कूल आया था। स्कूल के एक शिक्षाकर्मी ने छात्र को इसके लिए डांटा। उसने छात्र से बाली उतारने को कहा। इससे वह नाराज हो गया। कथित तौर पर इसके बाद लोगों के एक समूह ने शिक्षाकर्मी पर हमला कर दिया। छात्र और उसके साथियों पर उसे सड़क पर गिराने और बुरी तरह पीटने का आरोप है। घटना लिलुआ के टीआरजीआर खेमका हाई स्कूल में हुई। स्कूल प्रशासन ने इस घटना के संबंध में लिलुआ थाने में शिकायत दर्ज कराई है।
घटना पिछले शुक्रवार को शुरू हुई। लिलुआर के रवींद्र सरानी स्थित टीआरजीआर खेमका हाई स्कूल का कक्षा 12 का कला का छात्र कानों में बाली पहनकर स्कूल आया था। टिफिन के दौरान स्कूल के एक कर्मचारी ने उसे इसके लिए डांटा।
कथित तौर पर घटना के अगले दिन जब शिक्षाकर्मी स्कूल से घर लौट रहा था, तो छात्र ने स्थानीय झील रोड पर उसका रास्ता रोक लिया। उसके साथ कई अन्य लोग भी थे। आरोप है कि उन लोगों ने बांस और डंडों से शिक्षाकर्मी पर हमला कर दिया। खबर मिलते ही स्कूल के शिक्षक मौके पर पहुंचे। घायल शिक्षाकर्मी को बचाकर अस्पताल ले जाया गया। स्कूल के प्रधानाध्यापक स्वदेश कुमार गिरी ने बताया कि छात्र नियमित रूप से स्कूल यूनिफॉर्म पहनकर नहीं आता है। वह नियम-कायदों का पालन भी नहीं करता। बार-बार कहने के बाद भी बात नहीं बनी। शुक्रवार को जब स्कूल के एक शिक्षाकर्मी ने इस मुद्दे को उठाया तो उसे पीटना पड़ा। प्रधानाध्यापक ने बताया कि इस घटना के बाद वे लोग डरे हुए हैं। छात्रों को अनुशासित करने का अंजाम इतना भयानक होगा तो शिक्षक भी कुछ कहने से डरेंगे। स्कूल सूत्रों के अनुसार छात्र के अभिभावक को स्कूल बुलाया गया था। सोमवार को जब छात्र स्कूल आया भी तो उसे घर भेज दिया गया। उसके खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी, इस बारे में स्कूल प्रशासन बैठक कर निर्णय लेगा। हालांकि इस मामले पर अभी तक आरोपी छात्र या उसके परिजनों की ओर से कोई बयान नहीं आया है।