यह मिशन भारत के लिए गर्व का क्षण होगा, क्योंकि शुभांशु शुक्ला 1984 में राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय और ISS पर पहुंचने वाले पहले भारतीय होंगे।
Axiom-4 Mission : नई दिल्ली। भारत एक बार फिर अंतरिक्ष में अपनी शान बढ़ाने को तैयार है। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए एक्सिओम-4 (Ax-4) मिशन का नेतृत्व करेंगे। यह ऐतिहासिक मिशन 10 जून 2025 को सुबह 8:22 बजे EDT (भारतीय समयानुसार 5:52 बजे) नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा के लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39A से स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान पर उड़ान भरेगा। यह मिशन भारत के लिए गर्व का क्षण होगा, क्योंकि शुभांशु शुक्ला 1984 में राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय और ISS पर पहुंचने वाले पहले भारतीय होंगे।
चार देशों का संयुक्त मिशन-
एक्सिओम-4 मिशन एक बहुराष्ट्रीय सहयोग है, जिसमें भारत, पोलैंड, हंगरी और अमेरिका के अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं। मिशन की कमांडर पूर्व नासा अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन होंगी, जबकि शुभांशु शुक्ला मिशन पायलट की भूमिका निभाएंगे। पोलैंड के स्लावोस उज्नांस्की-विस्निव्स्की और हंगरी के तिबोर कपु मिशन विशेषज्ञ के रूप में शामिल होंगे। यह मिशन भारत, पोलैंड और हंगरी के लिए 40 वर्षों में पहली सरकारी प्रायोजित मानव अंतरिक्ष उड़ान है, और तीनों देशों का ISS पर पहला संयुक्त मिशन होगा। 14 दिनों तक निम्न पृथ्वी कक्षा में रहकर चालक दल वैज्ञानिक प्रयोग, शैक्षिक गतिविधियां और व्यावसायिक कार्य करेगा।
इसरो करेगा सात माइक्रोग्रैविटी प्रयोग-
इसरो आगामी एक्सिओम-4 एक्सिओम इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन मिशन के दौरान सात माइक्रोग्रैविटी अनुसंधान प्रयोग करेगा। इसरो ने कहाकि मानव स्वास्थ्य, भौतिक/जीवन विज्ञान, सामग्री अनुसंधान, नवीन दवा विकास और जैव प्रौद्योगिकी जैसे विविध क्षेत्रों में संभावित अनुप्रयोगों के साथ माइक्रोग्रैविटी अनुसंधान का क्षेत्र राष्ट्रीय वैज्ञानिक समुदाय को महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है।