अवनी चतुर्वेदी, भावना कंठ और मोहना सिंह ने भारतीय वायुसेना में लड़ाकू पायलट प्रशिक्षण लेकर इतिहास रच दिया।
International Women’s Day 2025: नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2025 के अवसर पर, हम उन महिलाओं की उपलब्धियों को याद करते हैं, जिन्होंने समाज में समानता और सशक्तिकरण की नई मिसाल कायम की है। पिछले कुछ वर्षों में, भारतीय वायु सेना ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए पहली बार महिला लड़ाकू पायलटों को शामिल किया। अवनी चतुर्वेदी, भावना कंठ और मोहना सिंह ने भारतीय वायुसेना में लड़ाकू पायलट प्रशिक्षण लेकर इतिहास रच दिया।
ये तीनों महिलाएं भारतीय सशस्त्र बलों में लैंगिक समानता की दिशा में उठाए गए कदमों का प्रतीक हैं।
International Women’s Day 2025: स्क्वाड्रन लीडर मोहना सिंह ने स्वदेशी लड़ाकू विमान ‘तेजस’ के स्क्वाड्रन का संचालन करने वाली पहली महिला पायलट बनकर नया कीर्तिमान स्थापित किया। वहीं, स्क्वाड्रन लीडर भावना कंठ और स्क्वाड्रन लीडर अवनी चतुर्वेदी पश्चिमी रेगिस्तान में सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान उड़ा रही हैं।
International Women’s Day 2025: मोहना सिंह: तेजस की पहली महिला पायलट
मोहना सिंह का जन्म जनवरी 1992 में राजस्थान के झुंझुनू में हुआ। उनका परिवार सैन्य सेवा से गहराई से जुड़ा है। उनके पिता एक सेवानिवृत्त वायुसेना अधिकारी हैं, जबकि उनके दादा को वीर चक्र से सम्मानित किया गया था।2019 में, मोहना ने हॉक Mk.132 एडवांस्ड जेट ट्रेनर पर पूर्ण परिचालन स्थिति प्राप्त करने वाली पहली महिला फाइटर पायलट बनकर इतिहास रचा।
International Women’s Day 2025: अवनी चतुर्वेदी: मिग-21 बाइसन की पहली महिला पायलट
अवनी चतुर्वेदी मिग-21 बाइसन को अकेले उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। मध्य प्रदेश के रीवा की रहने वाली अवनी ने बनस्थली विश्वविद्यालय से प्रौद्योगिकी में स्नातक किया और फ्लाइंग क्लब में शामिल होकर वायुसेना की परीक्षा पास की। उन्हें अपने भाई से प्रेरणा मिली, जो सेना में हैं।
International Women’s Day 2025: भावना कंठ: गणतंत्र दिवस परेड की पहली महिला फाइटर पायलट
भावना कंठ ने गणतंत्र दिवस परेड में वायुसेना की टुकड़ी का नेतृत्व करने वाली पहली महिला फाइटर पायलट बनकर इतिहास रचा। नवंबर 2017 में फाइटर स्क्वाड्रन में शामिल होने के बाद, उन्होंने मार्च 2018 में मिग-21 बाइसन पर पहली बार अकेले उड़ान भरी।
International Women’s Day 2025: ये तीनों महिलाएं न केवल भारतीय वायुसेना, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का प्रतीक हैं। उनकी सफलता ने यह साबित कर दिया कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल सकती हैं।