यासर हाल के दिनों में प्रतिबंधित आतंकी संगठन हिज्ब उत तहरीर (एचयूटी) के लिए गुप्त रूप से देश विरोधी गतिविधियों में सक्रिय था।
Jharkhand News : रांची। झारखंड एंटी-टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) ने आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) से पूर्व में जुड़े रहे अमार यासर 33 वर्ष को धनबाद के भूली क्षेत्र से गिरफ्तार कर आतंकी नेटवर्क पर करारा प्रहार किया है। एटीएस के मुताबिक, यासर हाल के दिनों में प्रतिबंधित आतंकी संगठन हिज्ब उत तहरीर (एचयूटी) के लिए गुप्त रूप से देश विरोधी गतिविधियों में सक्रिय था।
Jharkhand News : एटीएस ने इससे पहले 26 अप्रैल 2025 को धनबाद के वासेपुर, बैंक मोड़ और अन्य इलाकों में छापेमारी कर हिज्ब उत तहरीर से जुड़े चार संदिग्धों गुलफाम हसन 21 वर्ष, आयान जावेद 21 वर्ष, शबनम परवीन 20 वर्ष और मोहम्मद शहजाद आलम 20 वर्ष को गिरफ्तार किया था। इनके पास से दो पिस्टल, 12 कारतूस, कई मोबाइल फोन, लैपटॉप और प्रतिबंधित संगठनों से संबंधित साहित्य व दस्तावेज बरामद हुए थे। पूछताछ में आयान जावेद ने अमार यासर का नाम उजागर किया, जिसके बाद एटीएस ने उसे 30 अप्रैल को शमशेर नगर से धर दबोचा।
Jharkhand News : अमार यासर का आतंकी इतिहास-
झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने बताया कि अमार यासर को 2014 में इंडियन मुजाहिदीन से जुड़ी गतिविधियों के लिए जोधपुर, राजस्थान से गिरफ्तार किया गया था। लगभग 10 साल जेल में बिताने के बाद मई 2024 में जमानत पर रिहा होने के बाद वह धनबाद में हिज्ब उत तहरीर के नेटवर्क से जुड़ गया। यासर पर जयपुर और जोधपुर में आतंकी गतिविधियों से संबंधित तीन मामले दर्ज हैं। पूछताछ में उसने एचयूटी के लिए युवाओं को भर्ती करने और आतंकी नेटवर्क को मजबूत करने की कोशिशों का खुलासा किया है।
Jharkhand News : हिज्ब उत तहरीर का खतरनाक मंसूबा-
हिज्ब उत तहरीर, जिसकी स्थापना 1953 में यरुशलम में हुई थी, एक अंतरराष्ट्रीय इस्लामी कट्टरपंथी संगठन है, जिसका लक्ष्य विश्व स्तर पर इस्लामिक खलीफा शासन स्थापित करना है। भारत सरकार ने 2010 में इस संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया था। एटीएस को मिले दस्तावेजों में एचयूटी की विचारधारा और युवाओं को कट्टरपंथ की ओर ले जाने की रणनीति का जिक्र है। संगठन सोशल मीडिया और डार्क वेब के जरिए युवाओं को गुमराह कर आतंकी गतिविधियों में शामिल करने की कोशिश कर रहा था।