मुनंबम/नई दिल्ली। After passing of the Wakf Bill, 50 Christian citizens joined BJP: संसद से वक्फ (संशोधन) विधेयक के पारित होने के बाद राष्ट्रपति ने इसे मंजूरी दे दी है, जिसके साथ यह विधेयक अब कानून बन चुका है। विधेयक के पारित होने के कुछ ही घंटों बाद केरल में भाजपा इकाई के नेताओं ने मुनंबम का दौरा किया, जहां वक्फ बोर्ड के 400 एकड़ जमीन पर दावे से हड़कंप मचा हुआ है। इस दौरान क्षेत्र के 50 लोग भाजपा में शामिल हो गए। करीब 600 परिवार, जिनमें ज्यादातर ईसाई हैं, पिछले 174 दिनों से अपनी जमीन बचाने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। ये परिवार पीढ़ियों से इस जमीन पर रहते आ रहे हैं।
50 ईसाई नागरिक भाजपा में शामिल
मुनंबम प्रदर्शनकारियों की कार्य समिति के संयोजक जोसेफ बेनी ने बताया कि भाजपा में शामिल होने वाले सभी 50 लोग ईसाई समुदाय से हैं और पहले कांग्रेस व सीपीएम के समर्थक रहे हैं। इस बीच, कैथोलिक चर्च से जुड़े एक मलयालम दैनिक ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि कांग्रेस और वामपंथी दलों ने चर्च की मांगों को ठुकरा दिया और अपने सांसदों को वक्फ कानून के जनविरोधी प्रावधानों के पक्ष में वोट देने को कहा।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का मुनंबम दौरा
मुनंबम पहुंचे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने प्रदर्शनकारियों से कहा, “यह केरल के राजनीतिक इतिहास में ऐतिहासिक दिन है। आपके आंदोलन ने प्रधानमंत्री और संसद को यह विधेयक पारित करने की ताकत दी। जब तक आपको जमीन के राजस्व अधिकार वापस नहीं मिलते, हम आपके साथ खड़े रहेंगे। इस विधेयक में आपकी जमीन के अधिकार बहाल करने की क्षमता है।”
कांग्रेस और वामपंथियों ने मुनंबम को धोखा दिया: राजीव चंद्रशेखर
राजीव चंद्रशेखर ने कहा, “मुनंबम के लोगों को उनके चुने हुए सांसदों और विधायकों ने छल किया, लेकिन उनकी आवाज संसद तक पहुंची। यह भारतीय लोकतंत्र का सुनहरा पल है।” भाजपा इस मुद्दे को जोर-शोर से उठा रही है और दावा कर रही है कि केवल वही केरल में लोगों के हक के लिए लड़ रही है, जबकि कांग्रेस और सीपीएम मुस्लिम मुद्दों पर एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ में हैं। हालांकि एलडीएफ और यूडीएफ ने मुनंबम के लोगों के साथ होने का दावा किया, लेकिन दोनों दलों के सांसदों ने विधेयक के संशोधनों के खिलाफ वोट दिया।
कांग्रेस और सीपीएम की ईसाई समाज के हितों की अनदेखी
आंदोलन के शुरुआती दिनों में कांग्रेस और सीपीआई (एम) ने मुनंबम के प्रदर्शन से दूरी बनाए रखी थी, लेकिन बाद में दोनों ने वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध किया। यह क्षेत्र एर्नाकुलम लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है, जहां से कांग्रेस सांसद हिबी ईडन और वाइपेन विधानसभा सीट से सीपीआई (एम) विधायक के एन उन्नीकृष्णन प्रतिनिधित्व करते हैं।
भाजपा के लिए नया मौका
केरल में अपनी जड़ें मजबूत करने की कोशिश में लगी भाजपा को 2024 के लोकसभा चुनाव में राज्य से पहला सांसद मिला था। पार्टी का चर्च आउटरीच कार्यक्रम भी जारी है। मुनंबम में उठे इस मुद्दे और वक्फ बिल का कांग्रेस व वामपंथी दलों द्वारा विरोध करने से भाजपा को यह नैरेटिव बनाने का मौका मिला है कि ये दोनों दल ईसाइयों के खिलाफ हैं।