Murshidabad violence: नई दिल्ली/मुर्शिदाबाद। वक्फ एक्ट के खिलाफ पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसक झड़प को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। जांच एजेंसी की ओर दावा किया जा रहा है कि इस तरह के हमले की साजिश करीब 3 महीने पहले ही बना ली गई थी। हिंसा की आड़ में भीड़ की शक्ल में कई लड़कों को बांग्लादेश से भारत में घुसा दिया गया।
Murshidabad violence: रिपोर्ट में बताया गया है कि मुर्शिदाबाद हमले के पीछे शैडो प्लानिंग थी। जिस तरह मुर्शिदाबाद हमले की योजना 3 महीने पहले बनाई गई थी, उसी तरह इस हमले के पीछे भी एक बड़ा मकसद भी तय किया गया था। इनका मकसद मुर्शिदाबाद में ऐसी स्थिति बना देना था, जिसे पुलिस अकेले संभाल न सके और ऐसा ही हुआ।
Murshidabad violence: 12 से 15 साल के लड़कों को घुसाने की कोशिश
योजना के तहत भेजे गए कई बांग्लादेशी लड़कों में जिन्हें भारत में रहने के लिए भेजा गया था। 12 से 15 साल की उम्र के ये लड़के देश में गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों में पढ़ाई करेंगे और समय के साथ भारत के खिलाफ साजिश भी रचेंगे। खुफिया इनपुट में इसी तरह से बांग्लादेश कुछ संभावित आतंकवादियों के भारत में घुसाने की तैयारी की जानकारी सामने आई है।
Murshidabad violence: हिंसा के शुरुआती 4 घंटे में कराया घुसपैठ
योजना के अनुसार, इस घुसपैठ को लेकर कुछ ऐसी परिस्थितियां बनानी थी, जिसे पुलिस संभाल न पाए और बीएसएफ को बुलाना पड़ जाए। नियमों के मुताबिक, अगर इंटरनेशनल बॉर्डर के 50 किलोमीटर के भीतर कुछ होता है, तो बीएसएफ उस जगह पर आ सकती है। इसका मकसद बार्डर सुरक्षा से बीएसएफ का ध्यान भटकाना था।
Murshidabad violence: हालात ऐसे बनाए गए कि एक तरफ पुलिस हिंसा को संभालने में उलझी हुई थी, इस बीच अहम 4 घंटे के दौरान कई अज्ञात लोग मौका पाकर बॉर्डर पार करते हुए देश के अंदर घुस आए, और हिंसा के बाद भीड़ की आड़ में कहीं गायब से हो गए।
Murshidabad violence: खुफिया सूत्रों से जानकारी मिली है कि जैसे इस तरफ से लोगों को हमलों के लिए चुना गया था, वैसे ही बॉर्डर पार भी ट्रेनिंग चल रही थी। इस बीच भड़की हिंसा के दौरान बॉर्डर पार कर देश में घुसे कई युवक मुर्शिदाबाद के कुछ लोगों के साथ घुलमिल गए, ताकि ऐसा दिखे कि युवाओं की अनियंत्रित भीड़ लोगों पर हमला कर रही है।
Murshidabad violence: हिंसा के बाद अन्य शहरों में छुप गए लड़के
हमले को लेकर खुफिया विभाग के पास जानकारी है कि बॉर्डर पार से आए ये युवा अब मुर्शिदाबाद में नहीं हैं, हो सकता है कि ये लड़के गुजरात के कई शहरों के अलावा चेन्नई, हैदराबाद, पुणे, मुंबई, कश्मीर, उत्तर प्रदेश, बिहार, असम, सिक्किम, केरल, ओडिशा में मजदूरी करने चले गए हों, और वे अगले कई सालों तक मजदूरी की आड़ में भारत के अलग अलग शहरों में बने रहेंगे।
सीमा पार से आंतकी गतिविधियों को बढ़ावा देने वालों की योजना यही है कि अभी भारत में घुसपैठ करा दो, क्योंकि अगले कुछ सालों में बॉर्डर 100 फीसदी सील हो जाएगी तब घुसपैठ मुश्किल हो जाएगी।