
Clash Between Govt official & Army Officer: जम्मू-कश्मीर के नियंत्रण रेखा (LoC) पर हो रहे फेंसिंग प्रोजेक्ट को लेकर सेना और रक्षा संपदा विभाग के एक अधिकारी के बीच झड़प हो गई है. मामला उस वक्त गरमा गया जब आर्मी के कमांडिंग ऑफिसर (CO) कर्नल अंकुश चौधरी और असिस्टेंट डिफेंस एस्टेट ऑफिसर (ADEO) त्रियम सिंह ने कथित तौर पर एक-दूसरे पर हाथ उठा दिया. इसके बाद मौके पर मौजूद सैनिकों ने ADEO के खिलाफ प्रतिक्रिया दी. यह मामला अब सोशल मीडिया पर भी गर्म बहस का मुद्दा बन गया है.
जानकारी के अनुसार, LoC पर बाड़बंदी का काम सेना की इंजीनियर रेजीमेंट को सौंपा गया है, जिसका जिम्मा कर्नल अंकुश चौधरी संभाल रहे हैं.
क्षा संपदा विभाग के अधिकारी और आर्मी अफसर के बीच झड़प
Colonel Ankush Chaudhary, the commanding officer of the Engineer Regiment, was tasked with proposing the construction of fencing along the Line of Control (LOC) to prevent infiltration, especially in light of the recent attack in Pahalgam. However, the Assistant Defence Estate… pic.twitter.com/YCR62a9Cqd
— Lt Col Sushil Singh Sheoran, Veteran (@SushilS27538625) June 14, 2025
कौन सही और कौन गलत?
It’s for the department to decide who’s wrong. But here is the earlier part of the video. pic.twitter.com/gn35TQCAHW
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) June 15, 2025
क्या है पूरा मामला?
यह परियोजना हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद और भी जरूरी हो गई थी. लेकिन जब ADEO त्रियम सिंह ने बोर्ड की जरूरी फाइलों पर दस्तखत करने से इनकार कर दिया, तो कर्नल खुद उनसे बात करने उनके ऑफिस पहुंचे. इसी बातचीत के दौरान ADEO और CO ने हाथापाई कर ली.
इसके बाद मौके पर मौजूद जवानों ने अपने अधिकारी के सम्मान की रक्षा करते हुए ADEO पर प्रतिक्रिया दी.
सोशल मीडिया पर मचा बवाल
यह खबर सामने आते ही सोशल मीडिया पर सैन्य समुदाय और पूर्व सैनिकों में भारी आक्रोश देखने को मिला. आर्मी वेटरन सुशील सिंह श्योराण ने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “डिफेंस एस्टेट ऑफिस भ्रष्टाचार के लिए बदनाम है और अक्सर प्रोजेक्ट को रिश्वत के लिए रोकते हैं.”
लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि.) केजेएस ढिल्लों ने लिखा, “सैनिकों के लिए उनका CO भगवान के बाद आता है. उस पर हाथ उठाने के परिणाम होते हैं.” वहीं, लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडे (से.नि.) ने कहा, “CO को छूना आग से खेलना है, खासकर जब उसके सैनिक आस-पास हों.” एक अन्य यूजर प्रमोद कुमार सिंह ने लिखा, “ADEO तो किस्मत वाला था कि ज्यादा सैनिक नहीं थे, वरना परिणाम गंभीर होते.”
मामला क्यों है अहम?
यह मामला सिर्फ दो अधिकारियों के बीच की कहासुनी नहीं है. यह सेना के अनुशासन, आत्मसम्मान और जवाबदेही से जुड़ा है. सैनिकों और उनके CO के बीच जो भावनात्मक जुड़ाव होता है, वो सिर्फ रैंक तक सीमित नहीं होता. वर्तमान में मामला जांच के दायरे में है