
Income Tax Rule
भारत सरकार ने व्यक्तिगत आयकर को सरल बनाने के लिए नई टैक्स व्यवस्था पेश की थी. जिसमे वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए कुल 7.28 करोड़ आयकर रिटर्न (ITRs) दाखिल किए गए थे, जिनमें से 5.27 करोड़ रिटर्न नई टैक्स व्यवस्था के तहत थे, जबकि 2.01 करोड़ रिटर्न पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत दाखिल किए गए थे. इसका मतलब यह है, कि लगभग 72% करदाताओं ने नई टैक्स व्यवस्था को अपनाया है.
नई टैक्स व्यवस्था में कर की दरें कम हैं, लेकिन इसमें से कई लोकप्रिय छूट और कटौतियो को हटा दिया गया हैं, जैसे हाउस रेंट अलाउंस (HRA), लीव ट्रैवल अलाउंस (LTA), होम लोन पर ब्याज, सेक्शन 80C आदि. हालांकि, इस व्यवस्था में भी करदाता तीन महत्वपूर्ण छूट का लाभ उठा सकते हैं, जिनके बारे में लोग आमतौर पर सिर्फ एक ही छूट के बारे में जानते हैं. आइए जानते हैं ये छूट कौन सी हैं:
स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction)
नई टैक्स व्यवस्था में सैलरीड कर्मचारियों और पेंशनधारियों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ मिलता है. यह छूट पहले 50,000 रुपय थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 75,000 रुपय कर दिया गया है. इसका मतलब यह है, कि कर्मचारी और पेंशनधारी अब 75,000 रुपय तक की छूट पा सकते हैं, जिससे उनकी टैक्सेबल इनकम कम होगी और उन्हें कम टैक्स देना पड़ेगा.
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NPS (National Pension System) में नियोक्ता की योगदान पर छूट
नई टैक्स व्यवस्था में नियोक्ता द्वारा नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में किए गए योगदान पर टैक्स में छूट मिलती है. यह छूट आयकर अधिनियम की धारा 80CCD(2) के तहत दी जाती है. हालाकि, अगर आपके नियोक्ता (कंपनी) ने आपके NPS खाते में पैसे डाले हैं, तो उस पर आपको टैक्स नहीं देना पड़ेगा. नियोक्ता का योगदान आपके मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10% तक हो सकता है. इसमें कर्मचारी द्वारा किए गए योगदान पर कोई छूट नहीं मिलती है.
ग्रेच्युटी (Gratuity)
सेवानिवृत्ति के समय प्राप्त ग्रेच्युटी नई टैक्स व्यवस्था में भी टैक्स फ्री होती है. यह छूट आयकर अधिनियम की धारा 10(10) के तहत दी जाती है. सरकारी कर्मचारियों के लिए पूरी ग्रेच्युटी राशि टैक्स फ्री होती है, जबकि गैर-सरकारी कर्मचारियों के लिए 20 लाख रुपय तक की ग्रेच्युटी टैक्स फ्री होती है.
अन्य छूटें
वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम (VRS): अगर आप वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम के तहत नौकरी छोड़ते हैं, तो इस राशि पर भी टैक्स छूट मिलती है. यह छूट आयकर अधिनियम की धारा 10(10C) के तहत दी जाती है.
लीव एन्कैशमेंट (Leave Encashment): सेवानिवृत्ति के समय यदि आपके पास बची हुई छुट्टियों की राशि का भुगतान किया जाता है, तो उस पर भी टैक्स छूट मिलती है. यह छूट आयकर अधिनियम की धारा 10(10AA) के तहत दी जाती है.