
Congo: अफ्रीकी देश डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में एक रहस्यमयी और जानलेवा बीमारी तेजी से फैल रही है. अब तक इस बीमारी से 419 लोग संक्रमित हो चुके हैं और 53 लोगों की मौत हो चुकी है. चौंकाने वाली बात यह है कि संक्रमित व्यक्ति सिर्फ 48 घंटे के अंदर दम तोड़ दे रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बीमारी का पहला मामला 21 जनवरी को ‘बोलोको’ नामक इलाके में सामने आया था.
बताया जा रहा है कि तीन बच्चों ने चमगादड़ खाई थी, जिसके बाद उनमें हेमरेजिक फीवर (रक्तस्रावी बुखार) के लक्षण दिखे और 48 घंटे के भीतर उनकी मौत हो गई. इसके बाद धीरे-धीरे संक्रमण फैलता गया और कई अन्य लोग भी इसकी चपेट में आ गए.
दूसरा प्रकोप और जांच के नतीजे
9 फरवरी को ‘बोमाटे’ इलाके में दूसरा प्रकोप सामने आया. अब तक 13 संदिग्ध मामलों के सैंपल जांच के लिए कांगो की राजधानी किनशासा स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर बायोमेडिकल रिसर्च में भेजे गए हैं. लेकिन वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के मुताबिक, इबोला और मारबर्ग वायरस की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है. हालांकि, कुछ मरीजों में मलेरिया संक्रमण की पुष्टि हुई है.
48 घंटे में मौत, डॉक्टरों की बढ़ी चिंता
बिकोरों अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर ने कहा, “सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि मरीजों को लक्षण दिखने के 48 घंटे के भीतर मौत हो रही है.” विशेषज्ञों को डर है कि यह कोई नया ज़ूनोटिक वायरस हो सकता है, जो जानवरों से इंसानों में आया है.
पहले भी कांगो में फैली रहस्यमयी बीमारी
पिछले साल भी कांगो के ग्रामीण इलाकों में एक रहस्यमयी बीमारी फैली थी, जिसमें 79 लोगों की मौत हो गई थी. बाद में जांच में पता चला कि यह मलेरिया था, जिसमें बुखार, खांसी, सिरदर्द और कमजोरी जैसे लक्षण थे.