रायपुर। फॉर्म ऑफ रिटायर्ड डिप्लोमा इंजीनियर्स छग ने 3 प्रतिशत महंगाई राहत स्वीकार करने की मांग की है, सीएम साय को लिखे पत्र में उल्लेख किया गया है कि छ.ग. एवं म.प्र. के पेंशनरों के स्वत्वों के भुगतान के लिए म.प्र. पुर्नगठन अधिनियम 2000 की धारा 49 (6) के प्रावधानांतर्गत दोनों राज्यों की परस्पर सहमति होने के उपरांत ही पेंशनरों को भुगतान की स्वीकृति प्रदान की जाती है। जबकि धारा 49 (6) में ऐसा कोई प्रावधान उल्लेखित नहीं है। इस संबंध में राज्य शासन का समय-समय पर ध्यान आकर्षित करते हुए धारा 49 (6) को विलोपित करने के पत्र व्यवहार किये धरना प्रदर्शन किये, सक्षम अधिकारियों के समक्ष अपने समस्याएँ रखे किन्तु शासन द्वारा पेंशनर्स संगठनों के निवेदन पर कोई विचार न करते हुए वर्तमान समय तक दोनों राज्यों के परस्पर सहमति की प्रक्रिया यथावत जारी है। यहां यह उल्लेखनीय है कि धारा 49 (6) में सहमति संबंधी कोई उल्लेख न होने से धारा 49 (6) को विलोपित करने का प्रश्न की उपस्थित नहीं होता बल्कि प्रश्न यह है कि सही व्याख्या कर उस पर अमल करना उचित होगा।
अ म.प्र. पुर्नगठन अधिनियम 2000 की धारा 49 की परिशिष्ठ 6 का अवलोकन करने का कष्ट करें। जिसमें पेंशनर्स के स्वत्वों के भुगतान के लिए दोनों राज्यों की परस्पर सहमति संबंधी कोई प्रावधान उल्लेखित नहीं है किन्तु विगत 24 वर्षों से आज तक दोनों राज्यों की सरकारें परस्पर सहमति की अनिवार्यता बनाये हुए हैं।
ब – पेंशनर्स के स्वत्वों के संबंध में भारत सरकार का पत्र दिनांक 18.11.2017 जो कि दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों को भी जारी किया गया है उसमें भी स्पष्ट उल्लेखित किया गया है कि म.प्र. पुर्नगठन अधिनियम 2006 के परिशिष्ठ 6 में पेंशनर्स के दायित्वों की स्वीकृति के लिए दोनों राज्यों की परस्पर सहमति संबंधी कोई उल्लेख नहीं है।
स डॉ. रमन सिंह पूर्व मुख्यमंत्री छ.ग. शासन एवं वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष द्वारा केन्द्रीय गृहमंत्री को प्रेषित पत्र दिनांक 27.08.2024 का अवलोकन करने का कष्ट करें जिसमें उन्होंने भारत सरकार द्वारा जारी पत्र दिनांक 13.11.2017 (18/11 के स्थान पर 13 / 11 उल्लेखित ) का उल्लेख करते हुए धारा 49 (6) विलोपित किये जाने हेतु निवेदन किया गया है। इसी बिन्दु के परिप्रेक्ष्य में श्री नरेन्द्र सिंह तोमर विधानसभा अध्यक्ष म.प्र. द्वारा म.प्र. के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन लाल यादव जी को प्रेषित पत्र दिनांक 19.12.2024 का अवलोकन करने का कष्ट करें जिसमें उन्होंने भी लेख किया है कि म.प्र. पुर्नगठन अधिनियम 2000 की धारा 49 में पेंशनरों / परिवार पेंशनरों को मंहगाई राहत प्रदान करने संबंधी छ.ग. शासन से सहमति का कोई प्रावधान नहीं है। भारत सरकार के उक्त पत्र दिनांक 18.11.2017 में स्पष्ट किया गया है कि म.प्र. पुर्नगठन अधिनियम 2000 के परिशिष्ठ छ में पेंशनर्स के दायित्वों की स्वीकृति के लिए दोनों राज्यों की परस्पर सहमति संबंधी कोई उल्लेख नहीं है, तो ऐसी स्थिति में धारा 49 (6) को विलोपित करने या न करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता, बल्कि धारा 49 (6) की सही व्याख्या करते हुए पेंशनर्स के दायित्वों की स्वीकृति के लिए दोनों राज्यों की परस्पर सहमति कि अनिवार्यता समाप्त कर दोनों राज्यों द्वारा स्वतंत्र निर्णय लिया जाना न्यायोचित व नियामोचित होगा।
केन्द्र सरकार द्वारा केन्द्रीय कर्मचारियों / पेंशनरों को दिनांक 01.07.2024 से 3 प्रतिशत (50 से 53 ) मंहगाई भत्ता / राहत स्वीकृत किया गया है किन्तु छ.ग. / म.प्र. दोनों राज्यों के पेंशनर्स अब तक उक्त लाभ से वंचित हैं एवं उपरोक्तानुसार 3 प्रतिशत मंहगाई भत्ता / राहत की स्वीकृति की बड़ी बेसब्री से प्रतिक्षा कर रहे हैं।