छत्तीसगढ़ में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बुधवार सुबह एक बड़ी कार्रवाई करते हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आवास पर छापेमारी की। यह कार्रवाई महादेव सट्टा ऐप से जुड़े कथित घोटाले की जांच के सिलसिले में की गई है। बघेल के रायपुर और भिलाई स्थित घरों के अलावा, कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव और पांच वरिष्ठ IPS अधिकारियों के ठिकानों पर भी CBI की टीमें पहुंची हैं।
सूत्रों के मुताबिक, जिन IPS अधिकारियों के घरों पर छापेमारी हुई, उनमें अभिषेक पल्लव, आरिफ शेख, आनंद छाबड़ा, संजय ध्रुव और दो अन्य पुलिसकर्मी नकुल और सहदेव शामिल हैं। इसके साथ ही बघेल के पूर्व सलाहकार विनोद वर्मा के आवास पर भी जांच एजेंसी ने दबिश दी है। यह कार्रवाई सुबह करीब 8 बजे शुरू हुई।
महादेव सट्टा ऐप मामला क्या है?
महादेव सट्टा ऐप एक ऑनलाइन बेटिंग प्लेटफॉर्म है, जिस पर अवैध सट्टेबाजी और मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोप हैं। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) पहले से जांच कर रहा है और अब CBI ने भी इसकी जांच अपने हाथ में ली है। ED ने अपनी जांच में दावा किया था कि इस ऐप के जरिए करीब 6,000 करोड़ रुपये की अवैध कमाई हुई, जिसमें से कुछ राशि कथित तौर पर प्रभावशाली नेताओं और अधिकारियों तक पहुंची। इस मामले में ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल भी आरोपी हैं, जिनकी दुबई से प्रत्यर्पण की कोशिशें जारी हैं।
CBI की कार्रवाई का दायरा
CBI ने यह जांच छत्तीसगढ़ सरकार की सिफारिश पर शुरू की थी, जब पिछले साल अगस्त में राज्य की भाजपा सरकार ने मामले को केंद्रीय एजेंसी को सौंपने का फैसला किया था। सूत्रों के अनुसार, आज की छापेमारी में CBI इस बात की पड़ताल कर रही है कि क्या बघेल और अन्य अधिकारियों ने महादेव ऐप के संचालकों को संरक्षण दिया था। जांच एजेंसी के पास कुछ सबूत और दस्तावेज होने का दावा किया जा रहा है, जिनके आधार पर यह एक्शन लिया गया।
बघेल का बयान अभी नहीं
भूपेश बघेल, जो वर्तमान में कांग्रेस के महासचिव हैं, आज दिल्ली में एक पार्टी बैठक में हिस्सा लेने वाले थे। हालांकि, छापेमारी की खबर के बाद अभी तक उनका कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। इससे पहले ED की जांच के दौरान बघेल ने आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताकर खारिज किया था।
राजनीतिक हलचल तेज
इस कार्रवाई से छत्तीसगढ़ में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। भाजपा इसे कांग्रेस शासनकाल में भ्रष्टाचार का सबूत बता रही है, जबकि कांग्रेस इसे केंद्र सरकार द्वारा विपक्ष को निशाना बनाने की साजिश करार दे सकती है। महादेव सट्टा ऐप मामला पहले ही राज्य में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान बड़ा मुद्दा बन चुका था। CBI की यह छापेमारी आगे क्या रंग लाती है, इस पर सभी की नजरें टिकी हैं।