PM Modi with Nitish Kumar | PTI
Bihar Election Results: बिहार की राजनीति का सबसे बड़ा दिन करीब है. क्या नीतीश कुमार का दो दशक लंबा शासन जारी रहेगा या फिर युवा नेता तेजस्वी यादव अपनी पहली बड़ी चुनावी जीत दर्ज करेंगे? इन सवालों का जवाब आज मिलेगा जब बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आएंगे. यह मुकाबला सिर्फ दो नेताओं के बीच नहीं, बल्कि दो पीढ़ियों की राजनीति और दो अलग-अलग विकास मॉडलों के बीच टकराव बन गया है.
Bihar Exit Poll: NDA को बढ़त, लेकिन CM के लिए नीतीश कुमार नहीं तेजस्वी यादव हैं लोगों की पहली पसंद.
बिहार में ऐतिहासिक मतदान, महिलाओं ने तोड़ा रिकॉर्ड
इस बार बिहार के चुनावों में जनता का उत्साह देखने लायक रहा. 38 जिलों में करीब 7.4 करोड़ मतदाताओं ने वोट डाला. कुल 67.13% मतदान हुआ — जो 1951 के बाद का सबसे ऊंचा आंकड़ा है. खास बात यह रही कि महिलाओं की भागीदारी 71.78% रही, जो पुरुषों (62.98%) से काफी अधिक है. इससे यह भी संकेत मिलता है कि बिहार की महिला वोटर इस बार निर्णायक भूमिका निभा सकती हैं.
एग्जिट पोल का अनुमान: NDA को बढ़त, लेकिन टक्कर कड़ी
लगभग सभी एग्जिट पोल्स ने NDA को बढ़त दी है. ज़्यादातर सर्वे में एनडीए को 130 से 160 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि महागठबंधन को 70 से 105 सीटों तक सीमित बताया गया है. हालांकि Axis My India ने मुकाबले को रोमांचक बताया है. उसके मुताबिक एनडीए को 121 से 141 सीटें, जबकि महागठबंधन को 98 से 118 सीटें मिल सकती हैं. प्रशांत किशोर की नई पार्टी जन सुराज को बेहद मामूली प्रदर्शन की उम्मीद है. महज 0 से 5 सीटें तक.
चुनाव प्रचार बना आरोप-प्रत्यारोप का मैदान
बिहार चुनाव का प्रचार अभियान बेहद तीखा और व्यक्तिगत हमलों से भरा रहा. एनडीए ने अपने प्रचार में लालू यादव के दौर के ‘जंगलराज’ का जिक्र करते हुए कहा कि तेजस्वी की सरकार वैसी ही अराजकता वापस लाएगी. वहीं भाजपा नेताओं ने विपक्ष पर घुसपैठियों को संरक्षण देने का भी आरोप लगाया.
विपक्ष ने पलटवार करते हुए नीतीश कुमार की सेहत और भाजपा की नीयत पर सवाल उठाए. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने “वोट चोरी” के आरोप लगाए, जबकि तेजस्वी यादव ने रोजगार और युवाओं की उम्मीदों को अपने प्रचार का केंद्र बनाया. कई जगहों पर मतदाताओं ने अपने नाम वोटर लिस्ट से गायब होने की शिकायतें भी कीं.
मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नीतीश या तेजस्वी?
शुरुआत में एनडीए ने नीतीश कुमार को सीएम चेहरा घोषित नहीं किया था, लेकिन बाद में गृहमंत्री अमित शाह ने साफ कहा, “बिहार में मुख्यमंत्री पद खाली नहीं है.” दूसरी ओर, महागठबंधन ने आखिरकार तेजस्वी यादव को अपना आधिकारिक सीएम उम्मीदवार घोषित किया. सर्वे बताते हैं कि तेजस्वी युवाओं में लोकप्रिय हैं, जबकि नीतीश कुमार को महिलाओं का मजबूत समर्थन हासिल है.
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता किसे मौका देती है “विकास के वादों” वाले नीतीश कुमार को या “नई सोच और रोजगार” वाले तेजस्वी यादव को.

