बिलासपुर। CRIME NEWS: साइबर अपराध के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान में बिलासपुर पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। 59 लाख 87 हजार 994 रुपये की ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने इंदौर से चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों में मुख्य आरोपी सॉफ्टवेयर इंजीनियर है, जिसने एनआईआईटी दिल्ली से पढ़ाई की है।
कैसे हुआ खुलासा
सिविल लाइन थाने में प्रार्थिया अल्पना जैन ने शिकायत दर्ज कराई थी कि आरोपियों ने डिमेट अकाउंट खोलकर शेयर मार्केट और ट्रेडिंग में बेहतर मुनाफा दिलाने का झांसा दिया। भरोसा जीतने के बाद अलग-अलग तिथियों में विभिन्न बैंक खातों से 59.87 लाख रुपये जमा करा लिए। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए रेंज साइबर थाना बिलासपुर की टीम ने जांच शुरू की।
गिरफ्तार आरोपी
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ललीत कुमार (32 वर्ष), पिता सुरेन्द्र सिंह, निवासी महू, इंदौर
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बबलू उर्फ कमलजीत सिंह चौहान (38 वर्ष), पिता दिलावर सिंह चौहान, निवासी महू, इंदौर
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अर्पित साल्वे (30 वर्ष), पिता संतोश साल्वे, निवासी महू, इंदौर
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रोहित निषाद (25 वर्ष), पिता बहादुर निषाद, निवासी महू, इंदौर
कैसे करते थे ठगी
मुख्य आरोपी ललीत कुमार सॉफ्टवेयर इंजीनियर है और ऑनलाइन शॉपिंग साइट में मैनेजर रह चुका है। उसने अपने साथियों के साथ मिलकर फर्जी वेबसाइट और मोबाइल एप्लीकेशन तैयार की और “गणेशम सिक्यूरिटी” नामक नकली एजेंसी के जरिए निवेशकों को गोल्ड व ट्रेडिंग में मोटे मुनाफे का लालच देकर फंसाता था। पहले फर्जी लाभांश दिखाकर लोगों का भरोसा जीतता और फिर बड़ी रकम ठग लेता था।
आरोपी महू और राउ क्षेत्र के लोगों से कमिशन पर बैंक खाते लेते थे ताकि ठगी की रकम ट्रांसफर की जा सके। काम पूरा होते ही मोबाइल सिम और एटीएम कार्ड नष्ट कर दिए जाते थे ताकि पुलिस की पकड़ में न आएं।
पुलिस की कार्रवाई
रेंज साइबर थाना निरीक्षक रविशंकर तिवारी के नेतृत्व में बनी विशेष टीम ने लगातार तीन दिन तक दबिश देकर सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया। उनके कब्जे से 4 मोबाइल, 7 एटीएम कार्ड, एक यूपीआई कार्ड, 2 पैन कार्ड, एक चेकबुक और 2 पासबुक जब्त की गईं।
सभी आरोपियों को न्यायालय से ट्रांजिट रिमांड में बिलासपुर लाकर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है। यह कार्रवाई बिलासपुर रेंज के आईजी डॉ. संजीव शुक्ला और एसएसपी रजनेश सिंह के मार्गदर्शन में की गई।


