Kanker. कांकेर। माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सह-साधन प्रवीण्य छात्रवृत्ति परीक्षा में जिले से रिकार्ड 5185 छात्रो ने परीक्षा में शामिल हुए। कलेक्टर निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर के निर्देश पर जिले में अध्ययनरत कक्षा 8वीं के छात्रों से परीक्षा फार्म भरवाया गया था। इन छात्रों को माह अगस्त 2024 से ही परीक्षा की तैयारी कराई जा रही थी , इसके लिए जिला प्रशासन ने प्रारंभ से ही प्रधानाध्यापकों की बैठक सह प्रशिक्षण का आयोजन किया था। प्रशिक्षण में एनएमएमएसई परीक्षा के गाईडलाईन की जानकारी दी गई जिसके अनुसार जिले में
अध्ययनरत
एवं अर्हताधारी कुल 5225 छात्र पंजीकृत हुए जिनमें से 5185 बच्चों ने परीक्षा दी, इनमें से केवल 40 छात्र अनुपस्थित रहे। जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि छात्रवृत्ति परीक्षा हेतु छात्रों की संख्या को ध्यान में रखते हुए जिले में कुल 15 परीक्षा केन्द्र बनाया गया था। उन्होंने बताया बताया कि विकासखंड अंतागढ़ में पंजीकृत 502 एवं उपस्थित 496, भानुप्रतापपुर 690 पंजीकृत उपस्थित 681, चारामा में पंजीकृत 919 एवं उपस्थित 913, दुर्गुकोंदल में पंजीकृत 676 एवं उपस्थित 674, कांकेर 745 पंजीकृत एवं 732, कोयलीबेडा पंजीकृत 793 उपस्थित 793, नरहरपुर पंजीकृत 900 उपस्थित 896 विद्यार्थी रहे।एनएमएमएसई परीक्षा हेतु केवल वही छात्र भाग ले सकता है जो शासकीय विद्यालय में पढाई कर रहा हो तथा जिसके पालक की आय 2.50 लाख से अधिक ना हो। इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले छात्रों को कक्षा 9वीं से 12वीं तक अगामी 4 वर्षों तक प्रति माह एक हजार रूपये छात्रवृत्ति प्राप्त होता है अर्थात एक वर्ष में 12 हजार तथा 4 वर्ष में 48 हजार का लाभ प्राप्त होता है। विगत 2023 में जिले से 135 छात्र व 2024 में 526 छात्र उत्तीर्ण हुए है। छात्रवृत्ति प्राप्त होने से यह बच्चे आगामी वर्षों में हायर सेकंडरी तक अपने पढ़ाई का खर्च भी वहन हो जाता है साथ ही उन्हें प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी हेतु सहयोग भी प्राप्त हो जाता है। यह परीक्षा भारत सरकार द्वारा आयोजित किया जाता है जिसे पूर्व में एससीईआरटी परीक्षा आयोजित करती थी किन्तु इस सत्र से माध्यमिक
शिक्षा मंडल
द्वारा आयोजित किया जा रहा है। स्कूल शिक्षा विभाग ने सत्र प्रारंभ होने के साथ ही प्रधानाध्यापकों की बैठक आयोजित कर बच्चों को ओएमआर शीट के माध्यम से परीक्षा की जानकारी देने तथा सम्पूर्ण साल भर प्रैक्टिस करने के निर्देश दिये थे। इसके लिए विगत दस वर्षों के प्रश्न पत्र विद्यालयों को उपलब्ध कराया गया है और जिला स्तर से प्रश्न पत्र व ओएमआर सेट प्रेषित कर 8 से 10 बार मॉक टेस्ट आयोजित कर प्रैक्टिस कराई गई है नियमित मूल्यांकन किया गया। समय समय पर बैठक विकासखंड स्तर पर आयोजित किया गया साथ ही कमजोर छात्रों का चिन्हांकन कर उन्हे परीक्षा हेतु तैयार किया गया। नियमित मानिटरिंग एवं सुपरविजन कर अपेक्षित परीणाम लाने का प्रयास विभाग द्वारा किया गया है।
