विद्यासागर जी को पता था अपना अंतिम दिन, फिर भी पहले नहीं बताया, जानें क्यों किया ऐसा... |
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विद्यासागर जी को पता था अपना अंतिम दिन, फिर भी पहले नहीं बताया, जानें क्यों किया ऐसा…

इंदौर  ।  आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज को विनयांजलि देने के लिए इंदौर के सभी प्रमुख समाज एक मंच पर एकजुट हुए। दयोदय चैरिटेबल फाउंडेशन ट्रस्ट द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सुबह से ही बड़ी संख्या में जैन समाज के लोगों के साथ अन्य सभी समाज के लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम में सभी ने विद्यासागर जी से जुड़े अपने अनुभव को साझा किया और संकल्प लिया की उनके सेवा कार्यों को सभी मिलकर एक साथ आगे बढ़ाएंगे।  विद्यासागर जी महाराज का अंतिम संस्कार करके लौटे जैन समाज के लोगों ने मंच से बताया कि विद्यासागर जी महाराज ने पहले से ही अपनी समाधि का दिन तय कर लिया था।उन्होंने कुछ खास लोगों को यह जानकारी देने के बाद कहा था कि इसकी जानकारी किसी को भी ना दी जाए। वह यह चाहते थे कि कोई भी यह जानकारी जानने के बाद परेशान ना हो। यदि यह जानकारी पूरी दुनिया में जाएगी तो हजारों लाखों जैन समाज के लोग चंद्रगिरी के डोंगरगढ़ में एकत्रित होने लगेंगे। इससे लोग परेशान होंगे। गौरतलब है की पिछले सप्ताह रविवार के दिन यहीं पर विद्यासागर जी ने तीन दिन के मौन के बाद समाधि ली थी। समाज के प्रमुख लोगों ने यह भी कहा कि विद्यासागर जी महाराज जैसे संत से ही पूरी दुनिया सुरक्षित है। उनके जाने के बाद हमारी यह नैतिक जिम्मेदारी है कि युवा पीढ़ी को धर्म के मार्ग पर अग्रसर करें और ऐसे कई संतों का निर्माण करने में पूरा समाज एक साथ मदद करे।

शहर काजी बोले उन्होंने हमें इंसान बनाया

शहर काजी इशरत अली ने कहा धर्म ही हमें इंसान बनाता है। आज धर्मगुरु भी व्यवसायिक हो गए हैं। इसमें विद्यासागर जी जैसे धर्मगुरु हमें नई राह दिखाते हैं। दुनिया में अगर जैन समाज सबसे बड़ा दानी है तो उसमें विद्यासागर जी महाराज जैसे गुरुओं का योगदान है। जिनके जाने के बाद भी हजारों सालों तक उनके कामों को याद रखा जाता है उनमें से एक विद्यासागर जी महाराज हैं।

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संतों का कभी अंत नहीं होता

ईसाई समाज की बात रखते हुए साइमन राज ने कहा कि दुनिया को विद्यासागर जी महाराज की जरूरत है। संतों का कभी अंत नहीं होता है।

हजारों वर्षों तक राष्ट्र को दिशा दी

कवि राजीव शर्मा ने कहा कि विद्या, विनय, पात्रता, प्रकाश, सामर्थ्य, गंभीरता जैसे हजारों गुणों से विद्यासागर जी महाराज बने थे। उनके गुण प्रवचन राष्ट्र को अनंत काल तक मार्गदर्शन देते रहेंगे।

भारत रत्न की मांग

जैन समाज के लोगों ने सरकार से मांग की कि उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए। वह कभी कोई सम्मान या पद नहीं चाहते थे लेकिन यदि उन्हें भारत रत्न दिया गया तो भविष्य में समाज को एक अच्छा संदेश जाएगा। कार्यक्रम में नगरी प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, सांसद शंकर लालवानी समेत कई जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों और प्रबुद्ध नागरिकों ने अपनी विनयांजलि दी और उनसे जुड़े अनुभव साझा किए।

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