राज्य सरकार ने बिजली की नई दरें घोषित कर दी हैं। इसमें मध्यम वर्ग को भी राहत पहुंचाने के लिए कदम उठाए गए हैं। नई दरों के मुताबिक मध्यम वर्ग के घरेलु उपभोक्ताओं के लिए बिजली की नई दरों में ६ फीसद प्रति यूनिट की कमी की गई है।
इसके साथ ही बीपीएल वर्ग के उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दर में 10 फीसद तक की कमी की गई है। वहीं कृषि पंप के लिए विद्युत की नई दर में 30 पैसे प्रति यूनिट कमी की गई है। नई दरों के लागू होने से राज्यभर के गरीब और मध्यम वर्ग के उपभोक्ताओं सहित किसानों को भी फायदा मिलेगा।
राज्य में बिजली की दरें चुनावी मुद्दा बनी थीं। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में बिजली बिल आधा करने का फैसला किया था। अब सरकार अपने इस वादे को पूरा करने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ी है और आम उपभोक्ताओं को थोड़ी राहत दी है।
विद्युत नियामक आयोग ने वर्ष 2019-20 के लिए आकलित औसत विद्युत प्रदाय दर 6 रुपए 7 पैसे निर्धारित की है जो पिछले वर्ष की तुलना में 13 पैसे प्रति यूनिट कम है।100 यूनिट प्रतिमाह की खपत करने वाले उपभोक्ताओं के लिए प्रति यूनिट दर 3 रुपए 76 पैसे से घटाकर 3 रुपए 40 पैसे की गई है। १०० से २०० यूनिट खपत करने वाले उपभोक्ताओं की प्रति यूनिट दर 3 रुपए 80 पैसे से घटाकर3 रुपए60 पैसे कर दी गई है।
विद्युत दरों में की गई इस कमी का लाभ लगभग 91 फीसद घरेलू उपभोक्ताओं को मिलेगा। राज्य सरकार ने पुनर्वास केंद्रों, वृद्धाश्रमों, स्कूलों, अस्पतालों को भी रियायती बिजली दर की श्रेणी में लाने का निर्णय लिया है। किसानों को खेत की रखवाली के लिए 40 वॉट तक की बल्ब जलाने की सुविधा पहले से दी जा रही है।
40 वाट की रोशनी को अपर्याप्त मानते हुए सरकार ने अब 100 वॉट तक के बल्ब खेतों में जलाने की स्वीकृति दी है। गैर घरेलू उपभोक्ताओं के लिए भी बिजली की दर में कमी की गई है। इन्हें अब 100 यूनिट तक की खपत पर 6 रुपए 35 पैसे की बजाए7 रुपए 10 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली दी जाएगी।