दिल्ली में दो घंटे बंद कमरे में हुई अडानी के साथ सौदेबाज़ी का ख़ुलासा करें मुख्यमंत्री, अमित जोगी ने लगाए गंभीर आरोप
हम छत्तीसगढ़ को अडानीगढ़ नही बनने देंगे – अमित जोगी
प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दो दिन दिल्ली प्रवास पर रहे। 23 मई 2019 के पहले जहाँ वे केदारनाथ की गुफ़ा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को आईना भेंट करने की मंशा ट्विटर के माध्यम से जारी करी थी, वहीं अंततः उन्हें प्रधानमंत्री जी से मिलने प्रधानमंत्री निवास 7 लोक कल्याण मार्ग पहुँचना पड़ा। मुख्यमंत्री कुल 20 मिनट प्रधानमंत्री से मिले। इस मुलाक़ात के दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ के आदिवासी, जो वनभूमि में रहते हैं, को 12000 हर वर्ष राशि देने की माँग करी। उनके साथ में अपनी फ़ोटो भी खिचवाई।उसके बाद वे नीति आयोग की बैठक में सम्मिलित हुए।
यहाँ उन्होने नरवा गरवा घुरवा और बाड़ी का बखान भी किया। आज देर रात तक वे रायपुर लौट आएंगे। आज मैंने आप सब को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी की उपरोक्त गतिविधियों की जानकारी देने नहीं बुलाया है। मैं आपके माध्यम से सीधे-सीधे मुख्यमंत्री से सवाल करना चाहता हूँ कि 14 जून 2019 को शाम 6 से रात 8 बजे तक आप छत्तीसगढ़ सदन में अपने ‘CM स्वीट’ में किन-किन से मिले और इन दो घंटों में आपके और इन सज्जनों के बीच क्या-क्या बातचीत हुई? इसकी जानकारी भी आप कृपया उतनी ही प्रमुखता से सार्वजनिक करें जितना कि आपने उपरोक्त गतिविधियों को मीडिया के माध्यम से पूरे प्रदेश में सार्वजनिक किया है।
23 मार्च 2018 को दोपहर 3:03 बजे मुख्यमंत्री की कुर्सी में विराजमान होने के पहले भूपेश बघेल ने ट्वीट किया था।
राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात की PSU को CG में खदानें मिलीं, MDO अडानी की कम्पनियों को और अब ये राज्य बाज़ार से bhi महेंगे दामों पर अडानी se कोयल ख़रीद रही है। अडानी तो पिछले दरवाज़े से कोयला खदानें देने के लिए मोदी सरकार ने MDO का रास्ता निकाला है। (MDO का मतलब मीने डिवेलप्मेंट ऑपरेटर या माइनिंग ठेकेदार होता है; PSU का मतलब सार्वजनिक उपक्रम है, जिसे सरकार ख़ुद जनता की ओर से चलाती है।
मेरा स्पष्ट आरोप है कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के बाद, उसी दिन 14 जून को शाम 6 से रात 8 बजे, दो घंटों तक, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी की बंद कमरे में भेंट अडानी ईंटरप्राइजेस लिमिटेड के मालिक गौतम अदानी के भाई श्री राजेश अडानी, अडानी समूह के कोरपोरेट उपाध्यक्ष विनय प्रकाश गोयल, और अडानी समूह के छत्तीसगढ़ के प्रभारी श्री वैभव अलसी से हुई। इन दो घंटों में मुख्यमंत्री के द्वारा जो अडानी ईंटरप्राइजेस लिमिटेड के साथ पर्दे के पीछे, बंद कमरे में, रात को समझौता किया गया, उसका अभी तक उन्होंने ख़ुलासा नहीं किया है। वो ख़ुलासा आज मैं करने जा रहा हूँ। प्रमुख रूप से 4 बड़े-बड़े सौदे हुए हैं:
1. पहला, मुख्यमंत्री ने NCL कम्पनी- जिसमें मुख्यमंत्री ने ख़ुद को निदेशक नियुक्त किया है और जिसको छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल ने 12 फ़रवरी 2019 को कन्सेंट टू इस्टैब्लिश प्रमाणपत्र जारी कर अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है- को आबंटित आदिवासियों का आराध्य नन्दराज पर्वत पर स्थित डिपॉज़िट क्रमांक 13 वसे लौह अयस्क निकालने का माइनिंग ठेका अडानी ईंटरप्राइजेस लिमिटेड को देने का सौदा किया है। प्रदेश के पर्यावरण मंत्री बार-बार ये कहते नहीं थकते कि इस पर्यावरण मंडल से उनका कोई लेना-देना नहीं है। इसके जवाब में मैं रायपुर शहर के बीच लगी इस होर्डिंग की तस्वीर आपको दिखाना चाहता हूँ।
2. दूसरा, 27 जून 2019 को जो छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के द्वारा महाराष्ट्र पॉवर जेनरेशन कम्पनी (MAHAGENCO) को आबंटित गारे पालमा क्रमांक दो कोयला खदानों की फ़र्ज़ी जनसुनवाई रायगढ़ में कराई जानी हैं, उसका भी माइनिंग ठेका अडानी ईंटरप्राइजेस लिमिटेड को उपरोक्त मंडल द्वारा जारी कन्सेंट टू इस्टैब्लिश प्रमाणपत्र के माध्यम से देने का सौदा किया है।
3. तीसरा, छत्तीसगढ़ शासन के अधीनस्त छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जनरेशन कंपनी (CGSPGCL) को आबंटित गिधमुरी और पिटूरिया की कोयला खदानों का माइनिंग ठेका भी अडानी ईंटरप्राइजेस लिमिटेड को देने का सौदा किया है। इसकी पुष्टि स्वयं CGSPGCL के चैरमैन अधिकृत तौर पर कर चुके हैं।
4. चौथा, बालको- जिसमें राज्य सरकार का भी प्रतिनिधित्व है- को आबंटित चोटिया कोयला खदान का भी माइनिंग ठेका अडानी ईंटरप्राइजेस लिमिटेड को देने का सौदा किया है।
14 जून को उपरोक्त 5 खदानों का सौदा पूर्ण होने के बाद अडानी ईंटरप्राइजेस लिमिटेड प्रति वर्ष 170 मिलियन टन लौह अयस्क और कोयला छत्तीसगढ़ की धरती से लूटने वाला है, जिसका आर्थिक मूल्य प्रदेश के वार्षिक बजट से 300 गुना अधिक है। दुर्भाग्यवश इस सौदे के विषय में मेरी जानकारी अधूरी है: मैं केवल आपको इतना बता सकता हूँ कि इस सौदे में अडानी ईंटरप्राइजेस लिमिटेड को क्या, कब, कितना और कैसे मिलेगा। मैं आपको यह बताने की स्थिति में नहीं हूँ कि इन सबके बदले, दो घंटे लम्बी चली इस मीटिंग में आख़िर कितने में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने श्री राजेश अडानी और उनके सहयोगियों को छत्तीसगढ़ की खनिज संपदा का ठेका बेचने का सौदा किया है? आप सब से मेरा अनुरोध है कि मुख्यमंत्री के आज रायपुर पहुँचते ही आप उनसे इसका उत्तर ज़रूर जानने की कृपा करेंगे।
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से माँग करती है कि उन्हें तत्काल प्रदेश की जनता को ख़ुलासा करना चाहिए कि भूपेश राज में अदानी के अच्छे दिन लाने के लिए उन्होंने अडानी ईंटरप्राइजेस लिमिटेड के साथ परदे के पीछे क्या सौदा किया है? “नरवा गरवा घुरवा अउ बारी के आड़ म हमन भूपेश ल अदानी संग सौदेबाज़ी नई करन देबो!”
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) स्पष्ट कर देना चाहती है कि हम भूपेश राज में अडाणी के अच्छे दिन में नहीं आने देंगे। मुख्यमंत्री जी ने दिल्ली में दो घंटे चली अडानी ईंटरप्राइजेस लिमिटेड के मालिकों के साथ अपनी इस मीटिंग में आदिवासियों और अदानी के बीच में अपना चयन कर लिया है। उनके इस फ़ैसले का हम पुरज़ोर विरोध करेंगे। 27 जून 2019 को रायगढ़ में छत्तीसगढ़ राज्य पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा अडानी ईंटरप्राइजेस लिमिटेड के पक्ष में आयोजित फ़र्ज़ी जनसुनवाई का हम अपने विधायक दल के सभी सदस्यों के साथ जाकर विरोध करेंगे। हम छत्तीसगढ़ की जनता को यह विश्वास दिलाना चाहते हैं कि जब तक श्री अजीत जोगी जी और मुझ में एक भी साँस बाक़ी है- जब तक जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के हल चलाता किसान को छत्तीसगढ़ महतारी का आशीर्वाद प्राप्त रहेगा- तब तक हम किसी को भी छत्तीसगढ़ को बेचने नहीं देंगे। हम छत्तीसगढ़ को अडानीगढ़ बनने नहीं देंगे।