गुजरात एटीएस ने बेंगलुरु से शमा परवीन को अलकायदा से जुड़े होने के आरोप में गिरफ्तार किया। झारखंड आतंकियों का गढ़ रहा है। दिल्ली पुलिस झारखंड एटीएस और एनआईए ने संयुक्त रूप से रांची में आतंकी प्रशिक्षण केंद्र की साजिश को नाकाम किया। एक्यूआईएस का स्लीपर सेल रांची और जमशेदपुर में सक्रिय था। पिछले एक साल में कई संदिग्ध गिरफ्तार हुए और चान्हो-राजस्थान आतंकी रूट का भंडाफोड़ हुआ।
कोडरमा की शमा परवीन को बेंगलुरु से अलकायदा इंडियन सबकॉन्टिनेंट (एक्यूआईएस) से जुड़े होने के आरोप में गुजरात एटीएस ने गिरफ्तार किया। झारखंड लंबे समय से इन आतंकियों के लिए पनाहगाह रहा है।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल, झारखंड एटीएस, गुजरात एटीएस और एनआईए की संयुक्त कार्रवाइयों ने इस आतंकी नेटवर्क को तोड़ने में अहम सफलता हासिल की। इन कार्रवाइयों ने रांची के चान्हो में आतंकी संगठन के प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने की साजिश को नाकाम किया, जहां जंगल में जमीन चिह्नित की गई थी।
एक्यूआईएस का स्लीपर सेल रांची और जमशेदपुर में सबसे सक्रिय रहा। इसके अलावा हजारीबाग और लोहरदगा में भी गिरफ्तारियां हुईं। 2015 में जमशेदपुर से अब्दुल रहमान कटकी, मोहम्मद सामी, कलीमुद्दीन मुजाहिरी, नसीम अख्तर और मोहम्मद मोनू पकड़े गए।
पिछले एक साल में डॉ. इश्तियाक अहमद, फैजान अहमद, इल्ताफ अंसारी, मोहम्मद मोदब्बीर, मोहम्मद रिजवान, मुफ्ती रहमतुल्लाह, मतिउर रहमान, एनामुल अंसारी, शहबाज, अरशद, हसन अंसारी और उमर फारुख जैसे संदिग्ध रांची, हजारीबाग और लोहरदगा से गिरफ्तार हुए।
अगस्त 2024 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने राजस्थान और झारखंड एटीएस के साथ मिलकर चान्हो-राजस्थान आतंकी रूट को ध्वस्त किया।
राजस्थान में छह संदिग्ध, जो चान्हो के थे, प्रशिक्षण केंद्र से पकड़े गए। इनके पास से हथियार बरामद हुए और पूछताछ में चान्हो में प्रशिक्षण केंद्र की योजना का खुलासा हुआ। डॉ. इश्तियाक इस साजिश

