
Gujrat HC on Yusuf Pathan (Photo- @ManojTiwariIND/X)
Yusuf Pathan Land Dispute: गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) ने पूर्व क्रिकेटर और तृणमूल कांग्रेस सांसद यूसुफ पठान को सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे का दोषी करार दिया है. कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि किसी भी सेलिब्रिटी को कानून से ऊपर नहीं माना जा सकता और उन्हें छूट देना समाज के लिए गलत संदेश होगा. न्यायमूर्ति मोना भट्ट (Justice Mona Bhatt) की एकल पीठ ने पिछले महीने यह फैसला सुनाया था, जिसमें यूसुफ पठान की उस याचिका को खारिज कर दिया गया था, जिसमें उन्होंने वडोदरा के तंदलजा इलाके (Tandalja, Vadodara) में अपने बंगले से सटी जमीन पर कब्जा बरकरार रखने की मांग की थी.
क्या है पूरा मामला?
यह मामला साल 2012 का है, जब वडोदरा नगर निगम (Vadodara Municipal Corporation) ने यूसुफ पठान को नोटिस जारी कर जमीन खाली करने का निर्देश दिया था. लेकिन उन्होंने इस नोटिस को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. जांच में पाया गया कि वह बिना अनुमति के सरकारी जमीन पर कब्जा कर रहे थे.
यूसुफ पठान ने क्या दावा किया?
याचिका में यूसुफ पठान (Cricketer Yusuf Pathan) ने कहा था कि उनकी और उनके भाई इरफान पठान (Cricketer Irfan Pathan) की सुरक्षा को देखते हुए उन्हें वह जमीन खरीदने की अनुमति दी जाए. उन्होंने मुख्यमंत्री को एक पत्र भी लिखा था कि चूंकि वे दोनों अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं, इसलिए उन्हें जमीन आवंटित की जानी चाहिए.
हालांकि, 2014 में राज्य सरकार ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था.
तुरंत जमीन खाली करने का आदेश
गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat HC) ने अपने फैसले में कहा कि जनता के बीच लोकप्रिय हस्तियों की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है. अगर ऐसे लोगों को कानून तोड़ने के बाद भी छूट दी जाती है, तो आम जनता का न्याय व्यवस्था से विश्वास उठ सकता है. कोर्ट ने यूसुफ पठान को तुरंत जमीन खाली करने का आदेश दिया है.
यह फैसला न केवल यूसुफ पठान के लिए एक बड़ा झटका है, बल्कि उन सभी के लिए एक मिसाल भी है जो अपने प्रभाव और पहचान के दम पर कानून को दरकिनार करने की कोशिश करते हैं.