Mithun Manhas BCCI New President: बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया (बीसीसीआई) को नया नेतृत्व मिल गया है. जम्मू एंड कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) से जुड़े पूर्व क्रिकेटर मिथुन मन्हास को बीसीसीआई का नया अध्यक्ष चुना गया है. वे पूर्व अध्यक्ष रोजर बिन्नी की जगह लेंगे. यह फैसला बीसीसीआई की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में 28 सितंबर 2025 को लगी मुहर के साथ औपचारिक हो गया. मन्हास जम्मू-कश्मीर के पहले व्यक्ति हैं जो इस प्रतिष्ठित पद पर पहुंचे हैं.
नए पदाधिकारियों की सूची
बीसीसीआई की एजीएम में नए पैनल पर सहमति बनी, जिसमें निम्नलिखित प्रमुख बदलाव हुए:
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- अध्यक्ष: मिथुन मन्हास (पूर्व दिल्ली कप्तान और जेकेसीए प्रशासक)
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- उपाध्यक्ष: राजीव शुक्ला (पुनः चुने गए, वर्तमान में अंतरिम अध्यक्ष की भूमिका निभा रहे थे)
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- सचिव: देवजीत सैकिया (पद बरकरार)
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- संयुक्त सचिव: प्रभतेज सिंह भाटिया (नया)
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- कोषाध्यक्ष: रघुराम भट्ट (कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष, पूर्व भारतीय स्पिनर)
रघुराम भट्ट का केएससीए अध्यक्ष पद का कार्यकाल 30 सितंबर 2025 को समाप्त हो रहा है, लेकिन वे बीसीसीआई में नई भूमिका निभाएंगे. आईपीएल चेयरमैन अरुण धूमल का पद भी बरकरार रहने की संभावना है.
मिथुन मन्हास का संक्षिप्त परिचय
जम्मू-कश्मीर में 12 अक्टूबर 1979 को जन्मे मिथुन मन्हास (46 वर्ष) एक अनकैप्ड खिलाड़ी हैं, जिन्होंने दिल्ली के लिए घरेलू क्रिकेट में लंबा समय बिताया. वे दिल्ली रणजी ट्रॉफी टीम के पूर्व कप्तान रहे और विराट कोहली जैसे युवा खिलाड़ियों का नेतृत्व किया। मन्हास ने आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स (अब दिल्ली कैपिटल्स), पुणे वॉरियर्स इंडिया और चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) के लिए 55 मैच खेले.
मन्हास का क्रिकेट करियर:
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- फर्स्ट क्लास: 157 मैच, 9,714 रन (औसत 35.80, 23 शतक, 46 अर्धशतक)
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- लिस्ट ए: 130 मैच, 4,126 रन
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- टी20: 91 मैच, 1,170 रन
सेवानिवृत्ति के बाद मन्हास प्रशासन में सक्रिय रहे. वे बीसीसीआई द्वारा नियुक्त जेकेसीए की सब-कमिटी के सदस्य हैं. उनकी उम्मीदवारी पर बीसीसीआई के प्रमुख सदस्यों (जैसे आईसीसी चेयरमैन जय शाह, राजीव शुक्ला, रोहन जेटली) ने सहमति जताई। मन्हास ने 21 सितंबर को नामांकन दाखिल किया और बिना विरोध के चुने गए।
चयन प्रक्रिया का विवरण
बीसीसीआई मुख्यालय में आयोजित एजीएम से पहले 20 सितंबर को दिल्ली में एक अनौपचारिक बैठक हुई, जिसमें मन्हास के नाम पर चर्चा हुई. पूर्व दावेदारों जैसे सौरव गांगुली और हरभजन सिंह के बीच मन्हास को प्राथमिकता दी गई, क्योंकि बोर्ड में एक खिलाड़ी को नेतृत्व देने की इच्छा थी. नामांकन की समय सीमा 22 सितंबर को समाप्त हुई, जिसमें मन्हास एकमात्र उम्मीदवार थे

