भारत बनाम इंग्लैंड (Photo Credit: X Formerly Twitter)
India National Cricket Team vs England National Cricket Team Match Scorecard: भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम बनाम इंग्लैंड राष्ट्रीय क्रिकेट टीम 5 मैचों की एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी 2025 टेस्ट सीरीज (Test Series) का पांचवां और आखिरी मुकाबला 31 जुलाई (बुधवार) से लंदन(London ) के केनिंग्टन ओवल(Kennington Oval) में खेला रहा हैं. 2025 में इंग्लैंड की धरती पर खेली गई भारत बनाम इंग्लैंड की पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे ज़्यादा रन बनने वाली ऐतिहासिक श्रृंखलाओं में से एक बन गई है. इस रोमांचक मुकाबले में कुल 50 बार बल्लेबाज़ों ने अर्धशतक या उससे ज़्यादा का स्कोर किया. जो टेस्ट इतिहास में किसी भी सीरीज़ में सबसे अधिक है. इससे पहले यह रिकॉर्ड 1993 की एशेज सीरीज़ में बना था जिसमें 6 टेस्ट मैचों में 50 अर्धशतक बने थे. जो रूट ने WTC इतिहास में रचा इतिहास, भारत-इंग्लैंड 5वें टेस्ट में ये खास कारनामा करने वाले बने पहले खिलाड़ी
इस ऐतिहासिक आंकड़े ने यह साबित कर दिया कि दोनों टीमों के बल्लेबाज़ न केवल तकनीकी रूप से दक्ष हैं, बल्कि मानसिक रूप से भी बेहद मज़बूत हैं. कठिन और चुनौतीपूर्ण इंग्लिश परिस्थितियों में इतनी लगातार पारियां खेलना यह दर्शाता है कि दोनों ही टीमों की टॉप और मिडल ऑर्डर में कितनी गहराई और मजबूती है. इतिहास में केवल कुछ ही टेस्ट सीरीज़ इस रिकॉर्ड के आसपास पहुंच पाई हैं. जैसे 1920-21 की एशेज सीरीज़ (49 अर्धशतक), और वेस्टइंडीज़ के ऑस्ट्रेलिया दौरे की दो सीरीज़ 1960-61 और 1968-69 में 46-46 अर्धशतक था.
19 शतकीय साझेदारियाँ: विश्व रिकॉर्ड की बराबरी
इस सीरीज़ में केवल अर्धशतक ही नहीं, बल्कि 19 बार बल्लेबाज़ों ने 100 रन या उससे अधिक की साझेदारी भी की, जिससे यह विश्व रिकॉर्ड की बराबरी करने वाली तीसरी टेस्ट सीरीज़ बन गई. इससे पहले यह कारनामा केवल दो बार हुआ है. पाकिस्तान का 1957-58 में वेस्टइंडीज़ दौरा और इंग्लैंड का 1967-68 का कैरेबियन दौरा शामिल हैं. ये साझेदारियाँ निर्णायक क्षणों पर टीमों के लिए बड़ी पारियां बनाने और पारी को स्थिर करने में बेहद कारगर साबित हुईं. कई बार मैच का रुख इन्हीं साझेदारियों ने बदला.
7000 रन क्लब में जगह बनाने वाली दूसरी सीरीज़
यह सीरीज़ टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में केवल दूसरी ऐसी सीरीज़ बनी, जिसमें कुल स्कोर 7000 रन के पार गया. दोनों टीमों ने मिलकर कुल 7186 रन बनाए, जो 1993 की एशेज सीरीज़ (7221 रन, 6 टेस्ट) के रिकॉर्ड के बेहद करीब रहा। इतने ज़्यादा रन बनने के बावजूद खेल का रोमांच कम नहीं हुआ. हर टेस्ट में उतार-चढ़ाव और निर्णायक क्षण देखे गए.
मैच दर मैच समीक्षाः
- पहला टेस्ट, हेडिंग्ले: इंग्लैंड ने 5 विकेट से जीत दर्ज कर बढ़त बनाई.
- दूसरा टेस्ट, एजबेस्टन: भारत ने जोरदार पलटवार करते हुए इंग्लैंड को 336 रनों से हराया.
- तीसरा टेस्ट, लॉर्ड्स: एक थ्रिलर मुकाबले में इंग्लैंड ने भारत को 22 रनों से मात दी.
- चौथा टेस्ट, मैनचेस्टर: यह मुकाबला बेहद संघर्षपूर्ण ड्रॉ पर समाप्त हुआ.
- पाँचवां टेस्ट, द ओवल: निर्णायक टेस्ट में एक और रन-मेला देखने को मिला, जिससे सीरीज़ क्लासिक बन गई.
सीरीज़ ने बदले टेस्ट क्रिकेट के मायने
इस पांच टेस्ट मैचों की सीरीज़ ने यह साबित कर दिया कि टेस्ट क्रिकेट आज भी रोमांचक, चुनौतीपूर्ण और तकनीकी दृष्टिकोण से सर्वश्रेष्ठ प्रारूप है. बल्लेबाज़ों की शानदार तकनीक, पिचों की विविधता और परिस्थितियों के अनुसार ढलने की कला ने इसे एक कालजयी मुकाबला बना दिया. जो रूट, हैरी ब्रूक, शुभमन गिल, विराट कोहली, रोहित शर्मा, ज़ाक क्रॉली, और बेन स्टोक्स जैसे बल्लेबाज़ों ने लगातार रन बनाकर अपने कौशल का प्रदर्शन किया.

