पूर्व भारतीय क्रिकेटर और कोच संजय बांगर की बेटी अनया बांगर ने हाल ही में क्रिकेट की दुनिया में मौजूद टॉक्सिक मस्क्युलिनिटी यानी पुरुषवादी सोच पर खुलकर अपनी बात रखी है. अनया, जो पहले आर्यन के नाम से जानी जाती थीं, ने अपने ट्रांज़िशन की यात्रा, हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी और जेंडर अफर्मिंग सर्जरी के बारे में सार्वजनिक रूप से बात की है. लल्लनटॉप को दिए एक इंटरव्यू में जब अनया से पूछा गया कि उन्हें कब महसूस हुआ कि वो “गलत चुने गए जेंडर” में हैं, तो उन्होंने कहा, “जब मैं आठ या नौ साल की थी, मैं मां की अलमारी से कपड़े निकालकर पहनती थी और आईने में देखती थी और खुद से कहती थी, मैं लड़की हूं, मैं लड़की बनना चाहती हूं.”
अनया ने बताया कि उन्होंने क्रिकेट में अपने करियर की शुरुआत अपने पिता के नक्शे-कदम पर चलकर की थी. वह मुशीर खान, सरफराज खान और यशस्वी जायसवाल जैसे आज के जाने-माने खिलाड़ियों के साथ आयु वर्ग क्रिकेट खेल चुकी हैं. लेकिन ट्रांज़िशन के बाद क्रिकेट में करियर जारी रखना उनके लिए बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया.
जेंडर अफर्मेशन सर्जरी के बाद का अनुभव
अनाया ने कहा, “मुझे खुद को छिपाकर रखना पड़ता था क्योंकि मेरे पापा एक जानी-मानी शख्सियत हैं. क्रिकेट की दुनिया में असुरक्षा और पुरुषवादी सोच बहुत गहराई तक है.”
जब अनया से पूछा गया कि सर्जरी के बाद साथी खिलाड़ियों की क्या प्रतिक्रिया रही, तो उन्होंने कहा, “कुछ लोगों ने साथ दिया, लेकिन कुछ लोगों ने उत्पीड़न भी किया.”
उन्होंने एक परेशान करने वाली घटना साझा करते हुए कहा, “कुछ खिलाड़ियों ने मुझे अचानक न्यूड फोटो भेज दिए. एक व्यक्ति जो सबके सामने मुझे गालियां देता था, वही फिर मेरे पास आकर कहता था कि अपनी फोटो भेजो. एक और घटना में जब मैं भारत में थी, मैंने एक पुराने क्रिकेटर को अपनी सच्चाई बताई. उसने मुझसे कहा, चलो गाड़ी में, मुझे तुम्हारे साथ सोना है.”
अनाया का क्रिकेट करियर तब और मुश्किल हो गया जब नवंबर 2023 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने एक नया नियम लागू करते हुए ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों के महिला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खेलने पर रोक लगा दी. ICC के पूर्व CEO ज्योफ एलार्डाइस ने बयान जारी कर कहा था, “हम खेल में समावेशिता को महत्व देते हैं, लेकिन हमारी प्राथमिकता अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट की अखंडता और खिलाड़ियों की सुरक्षा है.”

