विशेष लेख – आजकल उंगली काटकर शहीद होने का दिखावा ज्यादा किया जा रहा
डा.वाघ की वाल से ईडी द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के उपर कार्यवाई काफी दिनो से पब्लिक डोमेन मे है । उच्च पद पर आसीन व्यक्ति के उपर कोई भी डिपार्टमेंट इतने साहस के साथ कार्यवाई को अंजाम नही दे सकती ? कुछ तो काला है या दाल ही काली है यह जांच पर पता चलेगा । ईडी ने अरविंद केजरीवाल को तीन बार और हेमंत सोरेन को सात बार समंस भेजा है । विभाग अपना काम कर रहा है । आपकी राजनीतिक जिम्मेदारी कभी भी खत्म नही हो सकती पर आप संवैधानिक पद पर बैठे है आपके कुछ कर्तव्य भी है । पहले आरोप लगाए जाने पर तुरंत इस्तीफा पहुंच जाता था । पर अब राजनीतिक माहौल बनाने पर ज्यादातर काम होता है । उंगली काटकर शहीद होने का दिखावा ज्यादा किया जाता है । यह वह बंदा है जो कल तक आरोप लगाए जाने पर ही इस्तीफा देने की बात कर रहा था । जब स्वंय पर आई तो पीछे हट रहा है । जितने भी वादे इस शख्स ने किये किसी मे खरा नही उतरा है । जिन पर घूम घूम कर आरोप लगाए आज गलबहिया कर रहे है ।
चलो पुनः विषय पर जब कुछ नही किया है तो पहले ही समंस मे आदमी खडा हो जाता है ? आरोप सही है या गलत अदालत फैसला लेगी । वह डायलाग अगर केजरीवाल को पुलिस ले जाती है यह तुम्हारा सगा नही है । लोकायुक्त की बात कर आए थे कहां है लोकायुक्त ? भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन और आंदोलन करने वाला ही अब प्रश्नो से भाग रहा है ? ईडी गलत है तो न्यायालय के दरवाजे खुले है ! दूसरा बंदा तो सात बार के ईडी समंस के बाद हाजिर नही हो रहे है । संवैधानिक पद पर रहकर इस तरह का व्यवहार दुर्भाग्य जनक है । किसी समय आरोप लगाए जाने पर इस्तीफा हो जाता था पर अब समंस मे इधर-उधर! यह कैसा एलायंस है की मुसीबत के समय इकट्ठा होकर जांच से बचने का प्रयास है जो किया जा रहा जनता मे भी गलत संदेश पहुंच रहा है । दवा दारु बचपन से सुना था पर इसका यह असर आज देखने को मिला ? झारखंड मे देखो ईडी आगे क्या करती है । पार्टी के अधिकांश लोग स्वागत-सत्कार के लिए तिहाड जेल मे पहले से उपस्थित है और क्या चाहिए ? कितनी विडंबणा है जो राजनीति मे आदर्श स्थापित करने आया वह भी वैसे निकला ।
बस इतना ही
डा.चंद्रकांत रामचन्द्र वाघ