
Lucknow. लखनऊ। उत्तर प्रदेश में प्राथमिक विद्यालयों के मर्जर के खिलाफ शुरू हुए PDA पाठशाला आंदोलन को लेकर अब सियासी सरगर्मी और कानूनी कार्रवाई दोनों तेज हो गई है। राजधानी लखनऊ के बीकेटी क्षेत्र के उमरभारी गांव में चल रही एक PDA पाठशाला के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। समाजवादी पार्टी से जुड़ी इस मुहिम की अगुवा सपा नेता पूजा शुक्ला समेत अन्य अज्ञात लोगों पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है।
क्या है मामला?
लखनऊ के उमरभारी गांव स्थित एक बंद प्राथमिक विद्यालय में PDA पाठशाला चलाई जा रही थी। आरोप है कि यह संचालन अनधिकृत और अवैध रूप से किया जा रहा था। विद्यालय के प्रधानाध्यापक आशुतोष मिश्रा ने बीकेटी के सैरपुर थाने में तहरीर दी थी, जिसके आधार पर एफआईआर दर्ज की गई। प्रधानाध्यापक ने अपनी शिकायत में बताया कि शासन के आदेश पर उमरभारी का प्राथमिक विद्यालय एक महीने पहले कम नामांकन के कारण पास के बढ़ौली प्राथमिक विद्यालय में मर्ज कर दिया गया था। 1 जुलाई 2025 से उमरभारी विद्यालय का संचालन बंद कर परिसर को सील कर दिया गया था।
ताला तोड़कर स्कूल खोलने का आरोप
तहरीर में आशुतोष मिश्रा ने कहा कि कुछ अज्ञात और अनधिकृत व्यक्तियों ने विद्यालय का ताला तोड़कर वहां PDA पाठशाला की शुरुआत की। परिसर की एक चाभी प्रधानाध्यापक के पास थी और दूसरी सफाईकर्मी मालती के पास, जो पास ही पंचायत भवन में रहती हैं। बताया गया कि विद्यालय परिसर में बिना अनुमति के एक निजी शिक्षण कार्य चलाया जा रहा था, जिसमें सपा नेता पूजा शुक्ला बच्चों को पढ़ाते हुए देखी गईं। प्रधानाध्यापक का आरोप है कि ना तो शिक्षा विभाग और ना ही जिला प्रशासन से कोई अनुमति ली गई है।
प्रशासन का तत्काल एक्शन
1 अगस्त को जैसे ही मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी गई, शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने तत्काल स्कूल परिसर को फिर से सील करने और अनधिकृत संचालन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद सैरपुर पुलिस ने BNS की धारा 324(4) और 329(4) के तहत मामला दर्ज किया है।
पूजा शुक्ला का जवाब – “PDA पाठशाला रुकेगी नहीं”
FIR के बाद सपा नेता पूजा शुक्ला ने कड़ा बयान जारी करते हुए कहा कि “PDA पाठशाला का आंदोलन अनवरत चलता रहेगा। प्रदेश सरकार समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को डराने और आवाज़ को दबाने की कोशिश कर रही है। लेकिन जब तक शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होती और स्कूल पुनः शुरू नहीं किए जाते, तब तक हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि PDA (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) समाज के बच्चों के लिए शिक्षा की लड़ाई अब एक जन आंदोलन बन चुकी है और इसे FIR, गिरफ्तारी या सीलिंग से नहीं रोका जा सकता।
क्या है PDA पाठशाला?
प्रदेश में योगी सरकार द्वारा कम नामांकन वाले प्राथमिक स्कूलों के मर्जर के फैसले के विरोध में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने PDA पाठशाला चलाने का आह्वान किया था। इसके तहत पार्टी कार्यकर्ता, नेता और सामाजिक कार्यकर्ता उन स्थानों पर स्वैच्छिक शिक्षण कार्य कर रहे हैं, जहां स्कूलों को बंद कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में इस आंदोलन को जनसमर्थन भी मिल रहा है। हालांकि, प्रशासनिक दृष्टिकोण से ये गतिविधियां कानूनी मान्यता से परे मानी जा रही हैं।

