
कोलकाता:भाजपा कार्यकर्ता अभिजीत सरकार की हत्या के मामले में सीबीआई ने पूरक आरोपपत्र दाखिल किया है। आरोपपत्र में तृणमूल विधायक परेश पाल का नाम है। दो पार्षद स्वप्न समाद्दार और पापिया घोष का भी नाम है। इस आरोपपत्र में कुल 18 लोगों के नाम हैं। 2 मई 2021 को विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित हुए। अगले ही दिन कंकुरगाछी निवासी अभिजीत सरकार की रहस्यमयी मौत हो गई। वह भाजपा कार्यकर्ता थे।
चुनाव के दौरान उन्होंने पार्टी के लिए काम भी किया था। चुनाव नतीजों के अगले दिन उनका शव मिलने को लेकर हंगामा मच गया। परिवार ने शुरू से ही दावा किया था कि अभिजीत राजनीतिक हिंसा का शिकार हुआ है। अभिजीत के दादा विश्वजीत सरकार ने भी पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए। विश्वजीत ने ही कलकत्ता हाईकोर्ट में सीबीआई जांच की गुहार लगाई थी। कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर जांच सीबीआई को सौंप दी गई। विश्वजीत के आरोपों में परेश पाल और स्वप्न समाद्दार का नाम बार-बार आया।
यह बिस्वजीत ही थे जिन्होंने दावा किया था, ‘परेश पाल ने कहा था कि वह हमारे दोनों भाइयों को यम के दक्षिणी द्वार पर भेज देंगे। सीबीआई को इसकी जानकारी दें।’ यहां तक कि वह परेश पाल और स्वप्न समाद्दार की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सीजीओ कॉम्प्लेक्स के सामने बैठ गए थे। इसके बाद परेश पाल को कई बार सीबीआई कार्यालय, सीजीओ कॉम्प्लेक्स में पेश होने का नोटिस दिया गया।
अभिजीत का परिवार शुरू से ही दावा कर रहा था कि घटना के पीछे की साजिश में तृणमूल विधायक परेश पाल और पार्षद स्वप्न समाद्दार शामिल थे। इन दोनों के नाम उस मामले में सीबीआई की पूरक चार्जशीट में हैं। संयोग से यह मामला उन सभी मामलों में सबसे ज्यादा चर्चित है, जिनमें भाजपा चुनाव बाद की हिंसा के मामलों को लेकर मुखर रही है।

