
मुंगेली। गौसेवा और ग्रामीण जागरूकता की दिशा में मुंगेली जिले के जरहागांव एवं छतौना-बुचुआकापा क्षेत्र में एक अभिनव सामाजिक पहल की शुरुआत हुई है। आवारा मवेशियों की सुरक्षा और सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से यहां गौठान समितियों का गठन किया गया है। ग्राम बुचुआकापा में नवनिर्मित गौठान का शुभारंभ केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य राज्यमंत्री तोखन साहू ने किया।
आध्यात्मिकता और सामाजिक चेतना का संगम
शुभारंभ अवसर पर मंत्री तोखन साहू ने भगवान श्रीकृष्ण एवं गौमाता की पूजा कर कार्यक्रम की शुरुआत की और उपस्थित ग्रामीणों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने अपने संबोधन में कहा “गौमाता में 33 कोटि देवी-देवताओं का वास माना गया है। उनकी सेवा करना पुण्य का कार्य है, जो सामाजिक चेतना को भी जाग्रत करता है।” उन्होंने इस पहल को देशभर के लिए एक प्रेरणादायक मॉडल बताया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अभियान “एक पेड़ मां के नाम” के तहत वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया।
विधायक ने की आर्थिक सहायता की घोषणा
विधायक पुन्नूलाल मोहले ने इस अवसर पर गौठान समिति को ₹2 लाख की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि गौसेवा धार्मिक ही नहीं, बल्कि आर्थिक और जैविक दृष्टिकोण से भी उपयोगी है। गौठान से मिलने वाले उत्पाद खेती के लिए जैविक खाद और पंचगव्य चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में उपयोगी साबित हो सकते हैं।
प्रशासनिक और जनप्रतिनिधियों की भागीदारी
कलेक्टर कुंदन कुमार ने कहा कि आवारा मवेशी अक्सर सड़क हादसों का कारण बनते हैं। यह पहल जन-जीवन की सुरक्षा के लिए सराहनीय कदम है। साथ ही उन्होंने ग्रामीणों से बच्चों की शिक्षा पर भी ध्यान देने की अपील की। पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने कहा “गौमाता को केवल शब्दों से नहीं, हृदय से
पूजना
चाहिए। उनकी सेवा चारों धामों के दर्शन के समान पुण्यदायक मानी जाती है।” जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीकांत पांडेय ने बताया कि यह समिति गीधा से लेकर बरेला तक क्षेत्र में घूमने वाले मवेशियों को आश्रय देने का कार्य करेगी। संचालन के लिए प्रत्येक राशन कार्डधारी परिवार से ₹200 वार्षिक सहयोग राशि ली जाएगी, जिससे चारा, पानी, भूसा जैसी आवश्यक व्यवस्थाएं की जाएंगी। संपूर्ण प्रबंधन पारदर्शी रूप से स्थानीय समिति के माध्यम से होगा।पर्यावरण और सामाजिक चेतना का संदेश
कार्यक्रम में उपस्थित वनमंडलाधिकारी अभिनव कुमार, जिला पंचायत CEO प्रभाकर पांडेय, स्थानीय जनप्रतिनिधि और नागरिकों ने भी वृक्षारोपण कर “एक पेड़ मां के नाम” अभियान को सफल बनाने का संकल्प लिया। यह आयोजन न केवल गौसेवा की भावना को प्रोत्साहित करता है, बल्कि ग्रामीण सहभागिता, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक समरसता की दिशा में एक सशक्त कदम के रूप में देखा जा रहा है।

