
Kharagpur खरगपुर:शादी के लिए पंडाल तैयार हो रहा था। घर पर कुछ रिश्तेदार भी आए हुए थे। सभी लोग शादी की तैयारियों में व्यस्त थे। उसी समय प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस घर के दरवाजे पर आ गए।
चूंकि नाबालिग लड़की की शादी कानूनन अपराध है। इसलिए प्रशासन ने नाबालिग के परिजनों को समझा-बुझाकर शादी रुकवा दी। नाबालिग के परिजनों ने भी कहा कि वे अभी लड़की की शादी नहीं करेंगे। घटना पश्चिम मिदनापुर जिले के केशियारी की है।
केशियारी के बीडीओ हितांशु हलदर ने कहा, “हम नाबालिग की शादी रोकने के लिए कई तरह के कार्यक्रम चला रहे हैं। हमें नतीजे भी मिल रहे हैं। इसलिए स्थानीय लोगों ने हमें नाबालिग की शादी के बारे में बताया। हमने जाकर 10वीं की छात्रा के माता-पिता को मनाया और शादी रुकवा दी। इस संबंध में और जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे।”
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, रविवार को पुलिस और प्रशासन को सूचना मिली कि केशियारी में एक नाबालिग लड़की की शादी परिवार तय कर रहा है। लड़की की शादी आज यानी सोमवार को होनी थी। शादी झारग्राम के एक दूल्हे से तय हुई है। रविवार को छुट्टी होने के बावजूद भी प्रखंड प्रशासन के अधिकारी खबर मिलने के बाद संबंधित गांव में पहुंचे। सबसे पहले उन्होंने आयु प्रमाण पत्र की जांच की। पता चला कि लड़की की उम्र अभी 18 साल नहीं हुई है। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने नाबालिग के माता-पिता को समझाया कि जब तक लड़की अठारह साल की नहीं हो जाती, तब तक उसकी शादी नहीं की जा सकती। लड़की की वर्तमान उम्र 17 साल 6 महीने है। प्रशासनिक अधिकारियों ने अनुरोध किया कि शादी को कुछ और महीने के लिए टाल दिया जाए। इसके अलावा उन्होंने लड़की के माता-पिता को कम उम्र में शादी के दुष्परिणामों के बारे में भी समझाया। उन्होंने नाबालिग लड़की की गुपचुप शादी करने पर कानून में दी जाने वाली सजा के बारे में भी बताया। वहीं, अगर वह अपनी पढ़ाई जारी रखती है तो उसे कई तरह के सरकारी लाभ भी मिलते हैं। प्रशासनिक अधिकारियों की बात सुनने के बाद नाबालिग के परिवार ने शादी रोकने पर सहमति जताई। बीडीओ ने बताया कि समझाने के बाद नाबालिग के परिवार ने शादी टालने पर सहमति जताई। हालांकि स्थानीय लोगों ने प्रशासन को बताया कि प्रशासन इसे सकारात्मक पहलू मानता है। प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि वे यह भी जांच करेंगे कि छात्रा नियमित रूप से स्कूल जा रही है या नहीं, ताकि वह फिर से नाबालिग की शादी न करवा दे। प्रशासन इस संबंध में प्रधानाध्यापक को भी सतर्क रहने के लिए कहेगा। बीडीओ ने कहा, “हालांकि कुछ स्थानीय लोग जागरूक हैं, लेकिन अभी भी कई लोग बाल विवाह के दुष्परिणामों के बारे में नहीं जानते हैं। इस बार जागरूकता के लिहाज से इस मुद्दे पर जोर दिया जा रहा है।”

