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Sirohi नस्ल की बकरियां और भेड़ें 5 महीने में कमा कर दे रही मुनाफा



Sirohi. सिरोही। ऐसा कौन सा बिजनेस है जिसमें 5 महीने में इन्वेस्टमेंट दोगुना हो जाए। दरअसल, सिरोही नस्ल की बकरियां पालकर पशुपालक मालामाल बन रहे हैं। पशुपालकों का कहना है कि 5 महीने में सिरोही नस्ल की बकरी लागत को दोगुना कर देती है।सिरोही के कृषि विज्ञान केंद्र की बकरी यूनिट से जानकारी लेने के बाद हम 10 किमी दूर भाटकड़ा और सिंदरथ गांव पहुंचे। यहां पशुपालकों से सिरोही नस्ल को लेकर बात की तो दावे में सच्चाई मिली। राजस्थान में खेती के अलावा पशुपालन भी किसान के लिए

आय का बड़ा साधन है।

इसमें भी सिरोही नस्ल की बकरियां पालकर पशुपालक अपनी आय बढ़ा रहे हैं। अगर आप किसान और पशुपालक हैं या फिर पशुपालन को बिजनेस की तरह करने के इच्छुक हैं तो सिरोही नस्ल की बकरी को लेकर यह जानकारी आपके काम आएगी।सिरोही नस्ल की बकरियों की डिमांड पूरे देश में होती है। सिरोही जिले में बहुतायत में मिलने के कारण इस नस्ल का नाम सिरोही के नाम पर पड़ा है। ये बकरियां सिरोही के अलावा राजसमंद, अजमेर और नागौर में भी मिलती हैं।पशुपालकों की आय और रोजगार के संसाधन विकसित करने के लिए राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत राज्य सरकार सिरोही नस्ल के बकरे फ्री में देती है।

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