छत्तीसगढ़

वनमानुष को लगी चोट, जड़ी- बूटियों का इस्तेमाल कर खुद ही किया इलाज, वैज्ञानिक भी हैरान… – INH24


दुनिया में बहुत से जंगली जानवर हैं, जो चोट लगने या बीमार पड़ने पर इंसानों की तरह अपना इलाज करते हैं. लेकिन घावों को ठीक करने के लिए वे पौधों का दवा के रूप में भी इस्तेमाल करते हैं, इसके बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं थी.

लेकिन इंडोनेशिया के एक नेशनल पार्क में ओरैंगुटान यानि वनमानुष ने जो कुछ भी किया, उसने वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया है.

इंडोनेशिया के सुमात्रा में शोधकर्ता उस वक्त दंग रह गए, जब उन्होंने गुनुंग लेउसर नेशनल पार्क में एक 35 वर्षीय नर ओरैंगुटान को जड़ी-बूटियों से घाव का इलाज करते हुए पाया. घटना जून, 2022 की है. लेकिन वैज्ञानिकों ने अब जाकर यह चौंकाने वाली जानकारी साझा की है. शोधकर्ताओं के अनुसार, यह किसी जंगली जानवर द्वारा घाव का इलाज करने के लिए पौधे का उपयोग करने का पहला ज्ञात मामला है.

शोधकर्ताओं ने वनमानुष के चेहरे पर पहली बार 25 जून को जख्म देखा था. उसने लगाातर आठ दिन औषधीय पौधे की चबाई हुई पत्तियों को घाव पर लगाया, और फिर देखते ही देखते जख्म पूरी तरह से भर गया. इससे एक बात साबित हो चुकी है कि वनमानुष पौधों के औषधीय गुण से अच्छे से वाकिफ हैं.

यह रिसर्च साइट संरक्षित वर्षावण है, जो लुप्त होने की कगार पर पहुंच चुके लगभग 150 वनमानुषों का घर है. इनमें से राकुस नाम के एक ओरैंगुटान की दाईं आंख के नीचे चोट लग गई थी. शोधकर्ताओं ने अपनी निगरानी में पाया कि वनमानुष Fibraurea Tinctoria पौधे की पत्तियों को चबाकर उसके रस को अपने घाव पर रगड़ रहा था. यह पौधा अपने औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है, जिसका लोग दर्द और जलन दूर करने के लिए इस्तेमाल करते हैं.

यह पौधा एंटी ऑक्सिडेंट होने के साथ ही जख्म भरने में भी मदद करता है. इसके अलावा सूजन-रोधी गुण होने के साथ ही फंगल और जीवाणु से भी लड़ने में मदद करता है. वहीं, मलेरिया जैसी बीमारी को ठीक करने में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है.





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