NHAI Toll Tax Rules: नई दिल्ली। भारत में नेशनल हाईवे सफर करना पहले की अपेक्षा सस्ता और सुगम होगा। सरकार ने टोल टैक्स को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। अब उन National Highways पर टोल टैक्स में 50% तक की कटौती की गई है, जहां फ्लाईओवर, सुरंग, पुल या एलिवेटेड स्ट्रक्चर बने हुए हैं। इससे आम नागरिकों और व्यवसायिक वाहनों को बड़ी राहत मिलेगी।
NHAI Toll Tax Rules: क्या है टोल टैक्स में नया बदलाव
सरकार ने नेशनल हाईवे के उन हिस्सों पर टोल टैक्स 50% तक घटाया है, जहां ब्रिज, टनल, फ्लाईओवर या एलिवेटेड रोड हैं। पहले इन स्ट्रक्चर्स पर यात्रा करने पर सामान्य सड़कों के मुकाबले काफी ज्यादा टोल लिया जाता था।
क्यों की गई टोल टैक्स में कटौती
NHAI के नियमों के अनुसार, पहले हाईवे पर यदि ब्रिज, टनल, फ्लाईओवर जैसी कोई विशेष संरचना होती थी, तो उसमें सामान्य सड़क की तुलना में 10 गुना टोल वसूला जाता था। इसे इंफ्रास्ट्रक्चर की लागत निकालने के लिए जरूरी बताया जाता था, लेकिन इससे यात्रियों पर अतिरिक्त बोझ बढ़ गया था। सरकार ने यह फैसला यात्रियों की शिकायतों और लगातार बढ़ती टोल दरों को देखते हुए लिया है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने बताया कि इस नियम से आम आदमी को सीधा फायदा मिलेगा और यह नीति संतुलित और पारदर्शी है।
अब आगे क्या
NHAI अब सभी हाईवे प्रोजेक्ट्स की समीक्षा करेगा और उन पर नए टोल गणना फॉर्मूले को लागू करेगा। भविष्य में और भी हाईवे इस छूट के दायरे में आ सकते हैं। वहीं टोल प्लाजा पर डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड और फास्टैग सिस्टम के जरिए यात्रियों को नई दरों की जानकारी दी जाएगी।
टोल टैक्स की गणना कैसे होगी
NHAI के नियमों के अनुसार, टोल टैक्स का कैलकुलेट दो तरीकों से किया जाएगा। पहला तरीका विशेष संरचना (जैसे ब्रिज/टनल) की लंबाई को 10 गुना कर जोड़ें। या फिर उस स्ट्रक्चर की पूरी लंबाई को 5 गुना करें। इन दोनों में जिसमें भी टोल कम होगा, उसी आधार पर टोल वसूला जाएगा।
टोल टैक्स घटान से किसे होगा फायदा
टोल टैक्स कम करने का सीधा फायदा उन लोगों को होगा, जो ऐसे हाइवे पर सफर करते हैं, जिनका 50% से अधिक हिस्सा एलिवेटेड या स्पेशल इंफ्रास्ट्रक्चर से बना है। उदाहरण के लिए, द्वारका एक्सप्रेसवे पर पहले टोल ₹317 था, जो अब घटकर ₹153 हो जाएगा।
NHAI Toll Tax Rules: टोल टैक्स का नया नियम कब और कहां लागू होगा
NHAI का नया नियमों केवल उन्हीं हाइवे पर लागू होगा, जहां 50% या उससे ज्यादा हिस्सा संरचनात्मक निर्माणों से बना है। सामान्य राजमार्गों पर पुरानी टोल प्रणाली जारी रहेगी। नए नियम को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।
व्यापारियों और ट्रांसपोर्टर्स को कितना फायदा
लंबे रूट पर माल ढुलाई करने वाले ट्रांसपोर्टर्स को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। कम टोल से लॉजिस्टिक कॉस्ट घटेगी, इससे उपभोक्ताओं तक माल सस्ता पहुंचेगा। ट्रैफिक दबाव भी कुछ हद तक नियंत्रित होने की उम्मीद है।