Raipur. रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने राजधानी रायपुर नगर पालिक निगम को बड़ा वित्तीय अधिकार प्रदान किया है। विभाग ने रायपुर नगर निगम को 100 करोड़ रुपये के म्युनिसिपल बॉन्ड जारी करने की अनुमति दे दी है। यह बॉन्ड अमृत (AMRUT) योजना के तहत प्रोत्साहन राशि (इंसेंटिव) प्राप्त करने के उद्देश्य से जारी किया जाएगा। राज्य शासन ने इस बॉन्ड जारी करने की सहमति कुछ शर्तों के अधीन दी है। आदेश जारी होने के बाद अब रायपुर नगर निगम एक ऐसे नए दौर में प्रवेश करने जा रहा है, जहां वह शेयर मार्केट की तर्ज पर आम नागरिकों के लिए निवेश का विकल्प बन सकेगा। इसका अर्थ है कि अब राजधानी के नागरिक नगर निगम में निवेश कर उसके विकास कार्यों में अप्रत्यक्ष रूप से भागीदार बन सकेंगे। नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि नगर निगम रायपुर को बॉन्ड जारी करने से पहले सभी आवश्यक प्रशासनिक, तकनीकी और नियामक स्वीकृतियां प्राप्त करनी होंगी। इसमें सेबी (SEBI), आरबीआई (RBI) और वित्तीय सलाहकारों की अनुमतियां शामिल होंगी।
राज्य शासन नहीं देगा गारंटी
विभाग के आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि इस म्युनिसिपल बॉन्ड के लिए राज्य शासन कोई गारंटी नहीं देगा। इसका मतलब यह है कि बॉन्ड जारी करने और उसकी वित्तीय देनदारियों की पूरी जिम्मेदारी रायपुर नगर निगम की होगी। यदि किसी कारणवश बॉन्ड से संबंधित वित्तीय भुगतान या दायित्वों में कोई समस्या आती है, तो राज्य सरकार उसकी जिम्मेदारी नहीं लेगी। इसके साथ ही, आदेश में यह भी कहा गया है कि राज्य शासन द्वारा किसी भी प्रकार की वायबिलिटी गैप फंडिंग (Viability Gap Funding) प्रदान नहीं की जाएगी। यह पूरी तरह नगर निगम रायपुर की जिम्मेदारी होगी कि वह अपनी वित्तीय क्षमता और साख के आधार पर निवेशकों का विश्वास अर्जित करे।
सेबी के नियमों का पालन अनिवार्य
राज्य सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि बॉन्ड जारी करने के दौरान नगर निगम रायपुर को म्युनिसिपल डेब्ट सिक्योरिटीज से संबंधित सभी प्रावधानों का पूर्ण पालन करना होगा। यह प्रावधान सेबी (Securities and Exchange Board of India) द्वारा निर्धारित किए गए हैं। इन नियमों के तहत बॉन्ड की रेटिंग, प्रकटीकरण, वित्तीय पारदर्शिता और निवेशकों के हितों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है। इस प्रक्रिया में नगर निगम को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसके खाते पारदर्शी हों, पिछले वर्षों में किसी प्रकार की वित्तीय अनियमितता या लोन डिफाल्ट का मामला न रहा हो।
क्या है म्युनिसिपल बॉन्ड?
म्युनिसिपल बॉन्ड या नगर निगम बॉन्ड किसी भी शहर के स्थानीय निकाय द्वारा पूंजी बाजार से धन जुटाने का एक तरीका होता है। नगर निगम ऐसे बॉन्ड जारी कर जनता और निवेशकों से पूंजी एकत्र करता है और उस धन का उपयोग शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास, जल निकासी, सड़क, सीवरेज, लाइटिंग, ग्रीन एनर्जी और शहरी पुनर्विकास जैसे प्रोजेक्ट्स में करता है। निवेशक इस बॉन्ड में पैसे लगाकर एक निश्चित ब्याज दर पर आय प्राप्त करते हैं, जबकि नगर निगम को विकास परियोजनाओं के लिए वित्तीय संसाधन मिलते हैं। पूंजी बाजार के नियामक सेबी के दिशा-निर्देशों के अनुसार, केवल वही नगर निगम बॉन्ड जारी कर सकते हैं जिनका नेटवर्थ पिछले तीन वित्तीय वर्षों में निगेटिव न रहा हो, और जिन्होंने पिछले एक वर्ष में किसी भी प्रकार का लोन डिफॉल्ट न किया हो। इसका उद्देश्य निवेशकों के हितों की रक्षा और नगर निगम की वित्तीय विश्वसनीयता को बनाए रखना है।
रायपुर को मिलेगा वित्तीय सशक्तिकरण का अवसर
विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम से रायपुर नगर निगम को विकास परियोजनाओं के लिए दीर्घकालिक फंडिंग प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। अब तक अधिकांश स्थानीय निकाय राज्य सरकार या केंद्र से अनुदान पर निर्भर रहते हैं, लेकिन बॉन्ड जारी करने से रायपुर को आत्मनिर्भरता की दिशा में एक नई पहचान मिलेगी। इससे रायपुर शहर को न केवल वित्तीय सशक्तिकरण मिलेगा बल्कि यह निवेश आकर्षण का केंद्र भी बन सकता है। इससे स्मार्ट सिटी और अमृत योजना के तहत चल रहे कार्यों में गति आने की संभावना है। राज्य सरकार का कहना है कि यह पहल छत्तीसगढ़ में शहरी वित्तीय सुधारों की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है और आगे अन्य नगर निगमों को भी इस मॉडल पर काम करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

