इस फैसले के साथ भारत की एजेंसियों CBI और ED को एक बड़ी कानूनी जीत मिली है।
Mehul Choksi: एंटवर्प (बेल्जियम)/नई दिल्ली। भारत के सबसे चर्चित आर्थिक भगोड़ों में से एक हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी के खिलाफ बेल्जियम की एंटवर्प कोर्ट ने भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। अदालत ने साफ कहा कि भारतीय एजेंसियों की मांग वैध है और बेल्जियम पुलिस द्वारा की गई गिरफ्तारी कानूनी रूप से सही थी। इस फैसले के साथ भारत की एजेंसियों CBI और ED को एक बड़ी कानूनी जीत मिली है।
हालांकि चोकसी के वकीलों ने अदालत में कहा है कि वे इस फैसले के खिलाफ उच्च अदालत में अपील करेंगे। इसलिए उसे तुरंत भारत नहीं भेजा जाएगा। लेकिन, यह निर्णय भारत के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और प्रत्यर्पण प्रक्रिया का निर्णायक मोड़ माना जा रहा है।
चार महीने से जेल में बंद है चोकसी
बता दें कि, 11 अप्रैल 2025 को एंटवर्प पुलिस ने चोकसी को गिरफ्तार किया था। वह पिछले चार महीने से जेल में बंद है और उसकी सभी जमानत याचिकाएं बेल्जियम की अदालतों ने खारिज कर दी हैं। अदालत ने कहा कि चोकसी के भागने का खतरा वास्तविक है, इसलिए गिरफ्तारी उचित है।
भारत ने रखे ठोस सबूत
भारत ने चोकसी के खिलाफ मजबूत केस पेश करते हुए उसे 13,850 करोड़ रुपए के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले का मुख्य आरोपी बताया। CBI ने अदालत को बताया कि चोकसी ने PNB के अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LoU) जारी कर विदेशी बैंकों से बिना सिक्योरिटी के लोन हासिल किए और पैसा शेल कंपनियों में ट्रांसफर कर मनी लॉन्डरिंग की.
भारत ने उस पर धोखाधड़ी, साजिश, सबूत नष्ट करने और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं।
नकली हीरे और शेयर बाजार घोटाले
भारत ने अदालत में बताया कि मेहुल चोकसी ने अपनी कंपनियों के जरिए नकली हीरों को असली बताकर बेचने का रैकेट चलाया। उसने विदेशी बैंकों से फर्जी गारंटी पर लोन लिया और उसे मनी लॉन्डरिंग के जरिए विदेशों में ट्रांसफर कर दिया। इसके अलावा भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने शेयर बाजार में अनियमितताओं के कारण चोकसी को 10 सालों के लिए पूंजी बाजार से प्रतिबंधित कर दिया है।